खगोलविदों का कहना है कि ये यह तारा ब्रह्मांड में रहस्यमयी तरीके से विस्फोट के जरिए काफी तेजी से फैलता है। इस तारा के प्रमुख शोधकर्ता रेयान रिडन-हार्पर ने कहा कि केप्लर स्पेस टेलीस्कोप के जरिए जुटाए गए आंकड़ों के अध्ययन के दौरान हमें एक ड्वार्फ नोवा मिला।
अंतरिक्ष में पहली बार बनाई गई खाने की चीज, दो घंटे में बनकर हुई तैयार
यह ड्वार्फ नोवा अचानक विस्फोट करने वाले तारों का समूह है, जिसके घटकों में व्हाइट ड्वार्फ भी होते हैं। सूरज भी अरबों वर्षो के बाद इस तरह का एक तारा बन जाएगा और इसके घटकों में ब्राउन ड्वार्फ दिखेंगे। यह ड्वार्फ 10 गुना कम घना और ग्रह की तरह दिखने वाला एक असफल तारा है।
द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में बतौर पीएच.डी इसका अध्ययन करने वाले हार्पर ने बताया कि यह दुर्लभ घटना हमें ड्वार्फ नोवा से विशाल विस्फोट की वजह से मिलती है। यह बिलकुल वैम्पयार स्टार सिस्टम की तरह हो सकता है।
केप्लर स्पेस टेलीस्कोप से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि 30 दिनों की अवधि के दौरान ड्वार्फ नोवा की चमक कम होने और धीरे-धीरे अपनी सामान्य चमक में आने से पहले 1600 गुना अधिक चमकीला हो जाता है।’
अंतरिक्ष मे एक कदम और बढ़ाने को ईरान तैयार, स्वदेश निर्मित उपग्रह ज़फर को करेगा लॉंच
यह चमक ड्वार्फ के इर्द-गिर्द के पदार्थो को हटाने की वजह पैदा होती है, जो एक डिस्क( Disk ) में सफेद ड्वार्फ के चारों ओर रहता है। इस डिस्क( Disk ) का तापमान 11,7000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिससे विशाल विस्फोट होता है।
आपको बता दें कि रिडन हार्पर ने यह खोज एएनयू के सहयोगियों, स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट और अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ नोत्रे डेम की मदद से की है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.