हालांकि बैठक खत्म होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है। बाहरी लोगों को 370 से कोई संबंध नहीं है।
अकबरुद्दीन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सराकर ने यह फैसला लिया है। अभी कुछ दिनों के लिए जो भी हालात कश्मीर में बने हैं वह सब ठीक हो रहा है और भारत सरकार कश्मीर से धीरे-धीरे पाबंदियां हटा रही है।
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पाकिस्तान को आडे हाथों लेते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि जिस देश का मुखिया (इमरान खान) जिहाद की बात करता हो वह कैसे शांति स्थापित कर सकता है। वह लोगों को जिहाद की बात कहकर भड़का रहा है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान शिमल समझौते से बंधे हुए हैं। हम शिमला समझौते के तहत ही कश्मीर समस्या का समाधान निकालेंगे। लेकिन पाकिस्तान से बातचीत तभी हो सकती है, जब वह आतंकवाद का रास्ता छोड़े।
UNSC में चीन-पाक को करारा झटका
बता दें कि चीन के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मामले को लेकर चर्चा की गई। इस चर्चा के दौरान रूस ने जहां भारत से अपनी दोस्ती निभाई और साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर का मामला द्विपक्षीय मुद्दा है।
रूस ने चीन और पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए कहा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है। हालांकि यह बात जरूर कहा कि दोनों देशों को मिलकर आपस में इसका समाधान निकालना चाहिए।
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बैठक खत्म होने के बाद चीन ने कहा कि कश्मीर में हालात तनावपूर्ण और खतरनाक है। भारत को ऐसे किसी भी फैसले को एकतरफा नहीं करना चाहिए जिससे तनाव पैदा हो।
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