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गुटेरेस ने भारत के इस दावे को भी नकार
गुटेरेस ने भारत के इस दावे को भी नकार दिया कि उनकी रिपोर्ट ने उनके अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया और जीद के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों के पास मानवाधिकारों पर सामान्य अधिकार क्षेत्र ही है।
जीद की तथाकथित रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण रवैये को दशार्ती है
बता दें कि भारत के उपस्थायी प्रतिनिधि तन्मय लाल ने सोमवार को सुरक्षा परिषद से कहा था कि जीद की तथाकथित रिपोर्ट एक ऐसे अधिकारी के स्पष्ट पक्षपातपूर्ण रवैये को दशार्ती है, जो किसी भी अधिकार क्षेत्र का अनुपालन किए बिना और असत्यापित स्रोत के जरिए हासिल की गई जानकारियों पर आधारित है।
वहीं, गुटेरेस की रपट के संदर्भ में लाल ने कहा था, ‘हम इस बात से निराश हैं कि महासचिव की रिपोर्ट में ऐसी स्थितियां शामिल हैं, जो सशस्त्र संघर्ष या अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने को लेकर मौजूद खतरे की परिभाषा पर खरा नहीं उतरती हैं।’
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संयुक्त राष्ट्र की आवाज का प्रतिनिधित्व करती
वहीं, गुटेरेस से पूछा गया कि क्या वह स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच के लिए जीद का समर्थन करते हैं? उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि मानवाधिकार उच्चायुक्त की सभी कार्रवाई, एक ऐसी कार्रवाई है, जो इस मुद्दे के संबंध में संयुक्त राष्ट्र की आवाज का प्रतिनिधित्व करती है।’