एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा वह मध्यस्थता में अपनी तरफ से मसले का हल निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले ने धर्मिक रंग ले लिया है। यह हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच का मुद्दा हो गया है और यह लंबे समय से चलता आ रहा है।
हालांकि हाल ही में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से फोन पर बातचीत में ट्रंप ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए, इससे किनारा कर लिया था। इस दौरान इमरान खान ने ट्रंप से अपील की थी कि कश्मीर के हल के लिए वह खुद पहल करें। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि इमरान खान और पीएम मोदी दोनों ही उनके अच्छे मित्र हैं। वह दोनों के साथ बेहतर महसूस करते हैं।गौरतलब है कि ट्रंप लगातार अपने बयानों में बदलाव ला रहे हैं। इस कारण उनके बयान का किसी को समर्थन नहीं मिल रहा है।
मोदी सरकार ने पिछले दिनों कश्मीर से धारा 370 को हटा लिया था। इसके बाद से पाकिस्तान में बौखलाहट तेज हो चुकी है। वह विभिन्न देशों में जाकर मदद की गुहार लगा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भी एक गुप्त बैठक के दौरान पांच सदस्य देशों में चार ने भारत को समर्थन दिया था। इस मामले में सिर्फ चीन ने ही पाकिस्तान का समर्थन किया था। लगभग सभी देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था।