गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के मामले में अमरीका की अदालत ने कुछ और कागजात की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि जब तक सभी कागज नहीं मिल जाते, तब तक तहव्वुर राणा अमरीका में ही हिरासत में रहेगा। गौरतलब है कि बीते काफी समय से भारतीय अधिकारियों की ओर से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग चल रही है।
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15 जुलाई तक दिया समय
अमरीका के लॉस एंजिलिस की एक संघीय कोर्ट में गुरुवार को मामले पर सुनवाई हुई। इसमें मजिस्ट्रेट जैकलिन चूलजियान ने बचाव पक्ष के वकील और अभियोजकों को 15 जुलाई तक इस मामले से संबंधित कुछ और कागज जमा कराने को कहा है। इसके साथ मजिस्ट्रेट ने लिखा कि राणा अंतिम फैसला आने तक अमरीका में ही हिरासत में रहेगा।
राणा गुरुवार को जब सुनवाई हुई तो उसने सफेद रंग का जम्पसूट और काला चश्मा लगाया हुआ हुआ था। राणा के पांव बेडियां पड़ी हुई थीं। उसके साथ कोर्ट पहुंची बेटियों ने प्रेस के सामने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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166 लोग की मौत हो गई
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी शामिल थे। हमले में 166 लोग की मौत हो गई। वहीं 300 घायल हुए थे। इस हमले में अमरीकी नागरिक भी मारे गए थे। मुंबई के ताज होटल को आतंकियों ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया था। एनकाउंटर में पुलिस ने नौ आतंकियों को मार गिराया था। जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार करने के बाद उसे फांसी दे दी गई थी।