अमरीका ने सुलेमानी पर नई दिल्ली और लंदन में आतंकी ( London Attack ) हमले का साजिश रचने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने फ्लोरिडा ( Florida ) में अपने रिसॉर्ट मार-आ-लागो में कहा था ‘सुलेमानी ने अपने पागलपन में निर्दोष लोगों की हत्या की, नई दिल्ली और लंदन में आतंकी हमलों की साजिश रची।’
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सुलेमानी को मारने के लिए मिसाइल हमले का आदेश देने के संबंध में ट्रंप ने कहा, ‘आज हम सुलेमानी के अत्याचारों के शिकार हुए लोगों को याद करते हैं और सम्मानित करते हैं और हमें यह जानकर सुकून मिलता है कि उनका आतंकराज अब खत्म हो गया है।’
2012 में दिल्ली में हुआ था हमला
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि भारत में वह किस समय के आतंकी हमले की बात कर रहे थे। हालांकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने संभवत: 2012 में भारत में इजरायली राजनयिक की पत्नी की कार पर हुए बम हमले का उल्लेख कर रहे थे।
13 फरवरी, 2012 को कार में चुंबक के सहारे बम लगाकर किए गए हमले में ताल येहोशुआ कोरेन घायल हो गई थीं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी। इसके अलावा उनका चालक तथा पास खड़े दो और लोग भी घायल हो गए थे।
इस हमले को लेकर इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ( Prime Minister Benjamin Netanyahu ) ने कहा था कि हमले के पीछे ईरान का हाथ है और इसी तकनीक का उपयोग कर जॉर्जिया में भी हमले की कोशिश की गई।
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हालांकि भारत की ओर से यह कभी नहीं कहा गया कि इस हमले के पीछे ईरान का हाथ है और अभी तक इस हमले की जांच चल ही रही है।
इजरायल से बदला लेने के लिए दिल्ली में किया गया था हमला!
2012 की मीडिया रिपोर्टों में इस बात को बताया गया था कि ईरान ने इजरायल से बदला लेने के लिए नई दिल्ली पर हमला किया था। ये बात सामने आई थी कि तेहरान में उसके परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या के जवाब में ईरान ने किया था। परमाणु वैज्ञानिक की हत्या कथित रूप से इजरायल ने की थी।
भारत के एक पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को उसी साल छह मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उस पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत रखा गया। बाद में उसे अक्टूबर, 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने विदेश नहीं जाने की शर्त पर जमानत दे दी थी।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि सैयद मोहम्मद अहमद ने हमला करने वाले ईरानियों की देखभाल की थी। पुलिस के बयान के अनुसार, हमले में शामिल पांच लोग इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स ( IRGC ) के सदस्य थे जो दिल्ली आए थे। बता दें कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स ईरानी सेना का एक अंग है।
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ईरानी मेजर जनरल सुलेमानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कॉर्प्स की विशिष्ट इकाई कुद्स फोर्स के कमांडर थे। लेकिन भारत में हुए हमले के दौरान इसका नाम नहीं आया था।
गुरुवार को इराक मे सुलेमानी की मौत के बाद शुक्रवार को ट्रंप ने कहा, ‘सुलेमानी अमरीकी अधिकारियों और सैनिकों पर हमले की योजना बना रहे थे, लेकिन हमने उन्हें पकड़ लिया और उनकी हत्या कर दी।’
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उन्होंने सुलेमानी के निर्देशन में कथित रूप से कराए गए और कुद्स फोर्स तथा सहयोगी सेना द्वारा कराए गए हमलों को सूचीबद्ध किया।
ट्रंप ने कहा, ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कॉर्प्स और उसकी क्रूर कुर्द्स फोर्स ने सालों तक सुलेमानी के नेतृत्व में सैकड़ों अमरीकी नागरिकों और कर्मियों को निशाना बनाया, उन्हें घायल किया और उनकी हत्या की है।’
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