शीला दीक्षित ने न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी अपने दमदार नेतृत्व का उदाहरण पेश किया है। शीला दीक्षित महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
यूएन महिला आयोग में भारत की प्रतिनिधि
शीला दीक्षित 1984 -89 तक United Nations के महिला आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की बात रखी। यही नहीं, इस दौरान उन्होंने महिला हिंसा और अनैतिक गर्भपात के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने भारतीय सिद्धांतों और परम्पराओं के अनुसार कई मुद्दों पर देश का प्रतिनिधित्व किया।
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लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए उठाई था आवाज
अफ्रीकी देशों में महिलाओं को जबरन देह व्यापार में धकेले जाने को उन्होंने प्रमुखता से उठाया था। संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों का पुरजोर समर्थन किया। जेंडर समानता पर होने वाली प्रगति का मूल्यांकन करने, इस बारे में चुनौतियों की पहचान करने और वैश्विक मानकों को निर्धारित करने जैसे कई कार्यक्रमों का वह हिस्सा रहीं।