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पुतिन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “हम नहीं चाहते कि यहां आतंकवादी शरणार्थियों की आड़ पर पहुंचे।” बीते सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार अमरीका और यूरोप में उनके वीजा की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अमरीका ने अपनी सरकार के लिए काम करने वाले अफगानों को अस्थायी रूप से रहने के लिए कई कई देशों के साथ गुप्त वार्ता की है।
वहीं, दूसरी तरफ, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद का दावा है कि बगलान प्रांत के पुल-ए-हिसाल, बन्नू, देह सालेह जिलों को दोबारा से कब्जे में कर लिया गया है। नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाके से इन्हें खाली करा लिया था। तालिबान का दावा है कि उनके लड़ाकों ने नॉर्दर्न अलायंस के लोगों को वहां से वापस लौटा दिया है।
इसके साथ तालिबान ने सीधे अमरीका को धमकी दे दी है। तालिबान ने कहा है कि अगर जो बाइडन सरकार ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को 31 अगस्त तक वापस नहीं बुलाया, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।