दरअसल, न्यूज एडिटर इरीना स्लावीना ने ( Editor-in-Chief Irina Slavina ) सरकार का विरोध करते हुए मंत्रालय के एक ऑफिस के सामने खुद को आग लगाकर जान दे दी। इससे पहले इरीना ने फेसबुक पोस्ट लिखते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ‘मेरी मौत के लिए रूसी फेडरेशन को जिम्मेदार मानें।’
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि इरीना को बचाने की कोशिश करता है, लेकिन वह उसे धक्का दे देती हैं। इसके बाद वह खुद भी गिर जाती हैं। रूस की जांच कमिटी ने इरीना की मौत की पुष्टि की है, हालांकि उनके फ्लैट में तलाशी की बात से इनकार किया है।
बता दें कि इरीना के परिवार में पति और उसकी बेटी रह गई हैं। इरीना ने कहा था कि पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक ग्रुप Open Russia से जुड़े सामान के लिए उनके फ्लैट की तलाशी ली थी और उनके कंप्यूटर और डेटा को जब्त कर लिया गया था।
दरअसल, ये पूरा मामला एक स्थानीय बिजनेसमैन से जुड़ा हुआ है। बिजनेसमैन पर आरोप है कि वह अपनी फर्जी चर्च को इलेक्शन मॉनिटर ट्रेनिंग के साथ दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल करता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अप्रैल में लोकतंत्र समर्थक ग्रुप Open Russia ने ‘Free People’ फोरम में हिस्सा लिया था। इसमें बतौर पत्रकार इरीना भी शामिल थीं। इसके लिए इरीना पर 5 हजार रूबल (करीब 4700 रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया था।
इसी मामले को लेकर अब इरीना ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी ने उसके घर की तलाशी ली गई। अपने फेसबुक पोस्ट में इरीना ने बताया कि 12 लोग जबरन उनके फ्लैट में दाखिल हुए और फ्लैश ड्राइव, उनका लैपटॉप, उनकी बेटी का लैपटॉप व फोन लेकर चले गए। हालांकि जांच कमिटी का कहना है कि इरीना इस केस में सिर्फ एक गवाह थीं, कोई संदिग्ध या आरोपी नहीं थीं।
बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने निझनी नोवगोरोड इलाके में जिन सात लोगों के घरों की तलाशी ली गई थी, इरीना उनमें से एक थीं। मालूम हो कि इरीना Koza Press न्यूज वेबसाइट की एडिटर-इन-चीफ थीं। अब उनकी मौत के बाद ये वेबसाइट बंद हो गई है।