अब तक हुए शोध और अध्ययन में यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस न केवल इंसान की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, बल्कि फेफड़े के अलावा किडनी लीवर आदि को अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। शोध में एक और बात सामने आई है कि डायबिटीज के मरीजों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इस दौरान एक नया रिसर्च सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से डायबिटीज यानी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। तीन देशों की चार यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने साझा शोध में यह जानकारी दी है।
इंसुलिन कोशिकाओं में डालता है असर यह अध्ययन ब्रिटेन की ग्लासगो यूनिवर्सिटी और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, जर्मनी की होल्सटीन यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी में किया गया। शोध के अनुसार, कोरोना वायरस इंसुलिन कोशिकाओं पर भी असर डालता है और कई बार इन कोशिकाओं को नष्ट भी कर देता है। शोध के दौरान देखा गया कि संक्रमण के बाद मरीज डायबिटीज से पीड़ित पाए गए।
बढ़ जाता है शुगर लेवल शोधकर्ताओं के मुताबिक, मानव शरीर के पेंक्रियाज यानी अग्नाशय में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं कोरोना संक्रमण के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इस कारण उनमें शुगर लेवल बढ़ गया था और वो टाइप वन डायबिटीज के शिकार हो गए। शोध के मुताबिक अब चारों यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अब कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों के यूरिन औेर खून में शर्करा यानी शुगर लेवल में आने वाले बदलावों पर शोध करने में जुटे हैं। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि मरीजों के शरीर में ये प्रभाव कब, कितना और कैसे पड़ रहा है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में करीब 20 हजार नए मामले सामने आए हैं। यह अब तक किसी एक दिन में आए सर्वाधिक मामले हैं। आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटों के भीतर 19906 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद अब तक कुल मामलों की संख्या बढ़कर 528,859 पर पहुंच गई है। वहीं इस खतरनाक वायरस से 3,09,713 लोग ठीक हो चुके हैं। 24 घंटों में 410 लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 16095 पर पहुंच गई है। रिकवरी रेट 58.56 फीसदी पर बना हुआ है।