नोबेल पुरस्कार समिति ने इमैनुएल कारपेंटियर ( Emmanuelle Charpentier ) और जेनिफर ए डूडना ( Jennifer A Doudna ) के नाम की घोषणा की है। जेनिफर अमरीका के रहने वाली हैं, जबकि कारपेंटियर फ्रांस के हैं।
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जेनिफर ए डूडना का जन्म 1964 में वाशिंगटन में हुआ था। वे वर्तमान समय में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कली में फ्रोफेसर हैं। जबकि, इमैनुएल कारपेंटियर का जन्म 1968 में फ्रांस के जुविसी-सर-ओर्ग में हुआ था। वे वर्तमान समय में जर्मनी के बर्लिन में मैक्स प्लांक यूनिट फॉर दि साइंस ऑफ पैथोजेन्स की निदेशक हैं।
जीनोम एडिटिंग के लिए मिला नोबेल
नोबेल पुरस्कार समिति की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, जेनिफर और कारपेंटियर को जीनोम एडिटिंग के लिए नोबेल दिया गया है। दोनों ने जीन टेक्नोलॉजी के सबसे तेज उपकरण क्रिस्पर/कैस9 जेनेटिक सिसर ( CRISPER/Cas9 genetic scissors ) की खोज की है। इस तकनीक की खोज से जीव विज्ञान पर एक क्रांतिकारी प्रभाव पड़ा है।
इस नई तकनीक का इस्तेमाल कर अब शोधकर्ता जानवरों, पौधों और सूक्ष्म जीवों के डीएनए में अत्यधिक उच्च शुद्धता के साथ बदलाव कर सकते हैं। अभी इस तकनीक का इस्तेमाल कैंसर इलाज में किया जा रहा है और आगे जेनेटिक बीमारियों को ठीक करने का सपना भी सच कर सकती है।
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे पहले शोधकर्ताओं को जीन संशोधित करने की प्रक्रिया में बहुत समय लगता था और कठिन व कभी-कभी असंभव हो जाता था। लेकिन अब CRISPER/Cas9 जेनेटिक सिजर का उपयोग कर जीन के कोड को कुछ ही सप्ताह में बदलना संभव हो गया है।
आपको बता दें कि दोनों वैज्ञानिकों को प्रशस्ति पत्र के साथ 11 लाख अमरीकी डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इस राशि को दोनों वैज्ञानिक आपस में साझा करेंगे। नोबेल पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शुरू किया गया था।