मंगलवार को प्रदर्शनकारियों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। उन्होंने तड़के देश की संसद पर धावा बोल सरकार और सुरक्षा मुख्यालय में तोड़फोड़ मचाई। यही नहीं गुस्साए लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबयेव को हिरासत से छुड़ा लिया। राष्ट्रपति सूरनबे जीनबेकोव ने इस हरकत पर घोर आपत्ति जाहिर की है।
उन्होंने इस हरकत को सियासी ताकतों द्वारा सत्ता पर अवैध कब्जा बताया। राष्ट्रपति का कहना है कि इसके बावजूद देश पर अभी भी उनका नियंत्रण जारी है। वे देशभर के कई शहरों में चल रही रैलियों और विरोध प्रदर्शनों को सख्ती से रोकेंगे।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चुनाव नतीजों को रद्द किया जाए। उनका आरोप है कि चुनाव में वोट खरीदे गए थे, इसका लगातार विरोध जारी है। हालांकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस मांग पर विचार कर हुए नतीजों को रद्द कर दिया।
पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई प्रदर्शनकारियों ने बिश्केक के सेंट्रल चौराहे स्थित राष्ट्रपति और संसद भवन की इमारत पर जमकर तोड़फोड़ की। वाइट हाउस के रूप में जाने जानी वाली इमारत में मंगलवार सुबह आगजनी और धमाके भी हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हजारों लोग इमारत में घूमते नजर आए। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प भी हुई। कुछ लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति अल्माजबेक अतमबयेव को हिरासत छुड़ा लिया।