शेख सबाह अल अहमद के निधन के बाद उनके द्वारा नामित उत्तराधिकारी उनके भाई क्राउन प्रिंस शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबह हैं। 83 वर्षीय उनके भाई शेख नवाफ को क्राउन प्रिंस के रूप में कुछ शक्तियां अस्थायी रूप से दी गई हैं। शेख अहमद अल-जबर अल-सबा के चौथे बेटे थे।
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तेल संपन्न राष्ट्र के शीर्ष राजनयिक के रूप में 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक से नजदीकी बढ़ाने के लिए शेख सबाह अल अहमद ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बता दें कि शेख अल अहमद कुवैत सैन्य बलों के कमांडर थे। राष्ट्रीय असेंबली से अनुमति मिलने के बाद 29 जनवरी 2006 को उन्होंने शपथ ली थी। उसके बाद से ही वे कुवैत का नेतृत्व कर रहे थे। जबकि 50 से अधिक वर्षों तक वे अपने देश के विदेश नीति की देखरेख की थी।
काफी लंबे से बीमार थे शेख सबाह अल अहमद
जानकारी के मुताबिक, शेख शेख सबा अल अहमद काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अभी हाल ही में सर्जरी के लिए अमरीका गए थे। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें लाने के लिए वायुसेना का एक विशेष विमान भेजा था। इसके लिए कुवैत के क्राउन ने पत्र लिखकर ट्रंप को धन्यवाद भी कहा था।
अमरीका और कुवैत के बीच 1990 से घनिष्ठ संबंध हैं। 1990 में जब हमला करते हुए इराक की फौज कुवैत में घुस आई तब अमरीका ने आगे बढ़कर कुवैत की मदद की थी और इराकी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इसके बाद से ही दोनों देश एक-दूसरे के करीबी मित्र हैं।
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शेख अल सबाह ने कतर और अन्य अरब देशों के बीच विवाद को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज की तारीख तक वे अन्य देशों के साथ कतर के विवाद को हल करने की कोशिशों में जुटे रहे थे।
मालूम हो कि इससे पहले कुवैत की संसद ने उनके पूर्ववर्ती अमीर शेख साद अल अब्दुल्लाह अल सबाह को नौ दिन के शासन के बाद उनी बीमारी के कारण सत्ता से हटा दिया था।