इसी सप्ताह G7 ग्रुप देशों के प्रमुख जिनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और इतालवी प्रधानमंत्री मारियो द्राघी शामिल हैं, ने इस संबंध में फोन पर भी बातचीत की थी। उसी बातचीत को एक कदम आगे बढ़ाते हुए इस वर्चुअल मीटिंग की योजना बनाई गई है।
साकी ने कहा कि मीटिंग में भाग ले रहे नेता अफगान शरणार्थियों के लिए मानवीय सहायता एवं सहयोग उपलब्ध कराने के लिए अन्य योजनाओं पर भी चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर कोई बड़ा फैसला किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, उपराष्ट्रपति ने देश छोड़ दिया था तथा आम नागरिकों ने भय के कारण देश छोड़कर जाना शुरू कर दिया है। बहुत से अफगान शरणार्थी तालिबान के डर से दूसरे देशों में शरण लेना चाहते हैं हालांकि ईरान, रूस और चीन जैसे देशों ने पहले ही अपनी सीमाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है।