खाशोगी ने मई माह में भेजे अपने एक मैसेज में कहा था- ‘जितना अधिक वह चाहते हैं, उतने अधिक लोगों को वह नुकसान पहुंचाते हैं।’
गौर हो, अक्टूबर, 2017 और अगस्त 2018 के बीच लगभग हर रोज की बातचीत में खाशोगी और अब्दुल अजीज ने सऊदी के युवकों की घर वापसी के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेना का गठन करने और सोशल मीडिया पर प्रिंस के प्रचार को धूल में मिलाने की योजना बनाई थी।
अब्दुल अजीज ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि- ‘जमाल का मानना था कि एमबीएस (क्राउन प्रिंस) एक मुद्दा है, एक समस्या है और इस बच्चे को रोका जाना चाहिए। इसके बाद अगस्त महीने में जब उन्हें लगा कि उनकी बातचीत का पता सऊदी अधिकारियों को लग गया है, तो उन्होंने लिखा ‘खुदा, हमारी मदद करे।’ इसके दो माह बाद ही उनकी हत्या हेा गई।