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दादा बोले, देश को होगा गर्वसिरीषा का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ था। उनके दादा बांदला रगहिया कृषि वैज्ञानिक हैं। रगहिया कहते हैं, मैंने हमेशा सिरीषा में कुछ बड़ा हासिल करने का उत्साह देखा है और आखिरकार वो अपना सपना पूरा करने जा रही हैं। मुझे विश्वास है वह पूरे देश को गर्व महसूस कराएगी। सिरीषा के पिता मुरलीधर अमरीकी सरकार में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं।
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राकेश शर्मा से भी ली प्रेरणाबचपन से सिरीषा का सपना अंतरिक्ष में जाने का था। सिरीषा कहती हैं कि भारती के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा भी उनके लिए प्रेरणा थे। उन्होंने कहा कि मैं अंतरिक्ष में बहुत बार जाना चाहती हूं। और ये भी चाहती हूं कि और भी बहुत से लोग अंतरिक्ष में जाएं।
वर्जिन गैलेक्टिक के रिचर्ड ब्रेनसन 11 जुलाई को अंतरिक्ष में जाएंगे तो अमेजन ब्लू होरिजिन के जेफ बेजोस 20 जुलाई को अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। दोनों अरबपतियों की यात्राएं अंतरिक्ष में जाने की दौड़ की शुरूआत भी करेंगी।
यूनिटी 22 नामक इस मिशन पर जाने वाला स्पेसशिप अंतरिक्ष में 80 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगी। इसमें कुल 6 लोग क्रू के रूप में सवार होंगी। इसे कैरियर एयरक्रॉफ्ट के जरिए लॉन्च किया जाएगा और वापसी रनवे लैंडिंग के जरिए होगी। इसमें एयरप्लेन साइज की विंडो होगी और अब तक इस स्पेसशिप की तीन फ्लाइट हो चुकी हैं।
वाइट नाइट कैरियर एयरक्रॉफ्ट स्पेसशिप को 50 हजार फुट की ऊंचाई पर ले जाएगा। यहां अलग होने के बाद स्पेसशिप रॉकेट इंजन को चार हजार किलोमीटर की रफ्तार देगा। इसके बाद रॉकेट 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में प्रवेश करेगा। और 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्पेसक्रॉफ्ट के यात्री पांच मिनट तक भारहीनता महसूस करेंगे। तत्पश्चात् वापिस लौटने की यात्रा आरंभ होगी। धरती के वातावरण में री-एंट्री पर स्पेसक्रॉफ्ट के रूडर पंखों के समान खुलने शुरू होंगे। 22.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्पेसक्रॉफ्ट के पंख पूरी तरह खुल जाएंगे और लैंडिंग गीयर तथा स्किड से परंपरागत रूप से स्पेसक्रॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
ब्रेनसन की परदादी तमिलनाडु के कुड्डल्लोर की रहना वाली थीं। उनका नाम अरिया था। जी हां, ब्रेनसन ने 2019 में अपने भारत दौरे में यह खुलासा किया था। उन्होंने डीएनए टेस्ट भी करवाया, जिसमें उनके इंडिया कनेक्शन की पुष्टि हुई। वे खुद को नम्मा ओरू पायन (हमारे गांव का लड़का) कहलाना पसंद करते हैं।