scriptभारत ने रूसी हथियारों के आयात में की कमी, बीते 9 वर्षों में 42 फीसदी तक की गिरावट | India lacks import of Russian arms, down 42 percent in last 9 years | Patrika News
विश्‍व की अन्‍य खबरें

भारत ने रूसी हथियारों के आयात में की कमी, बीते 9 वर्षों में 42 फीसदी तक की गिरावट

भारत ने रूसी हथियारों के आयात में कमी कर दी है।
2009 से अबतक 42 फीसदी की आ चुकी है गिरावट।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने 2014-18 के बीच सबसे कम रूसी हथियार खरीदे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी की नीतियों के कारण भारत ने हथियारों के आयात में कमी की है।

Mar 12, 2019 / 06:51 am

Anil Kumar

भारत ने रूसी हथियारों के आयात में की कमी, बीते 9 वर्षों में 42 फीसदी तक की गिरावट

भारत ने रूसी हथियारों के आयात में की कमी, बीते 9 वर्षों में 42 फीसदी तक की गिरावट

नई दिल्ली। आधुनिकता के इस दौर में हर देश सामरिक शक्ति से मजबूत होना चाहता है और इसके लिए कई तरह की रणनीतियों पर काम करता है। यदि भारत की बात करें तो बीते कई दशकों में भारत ने सामरिक क्षमता को बढ़ाने में सफलता पाई है और इसमें रूस, फ्रांस और अमरीका जैसे देशों की सहभागिता रही है। लेकिन अब एक रिपोर्ट सामने आया है जो भारत के नजरिए से ठीक नहीं है। क्योंकि हालिया समय में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की सामरिक क्षमता कमजोर हुई है। दरअसल एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस से भारत को होने वाले हथियारों के निर्यात में लगभग 42 फीसदी की कमी आई है। बता दें कि यह रिपोर्ट स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च (सिपरी) की तरफ से जारी किया गया है।

ओपिनियन पोल: एनडीए-यूपीए बहुमत से दूर, अन्य की भूमिका हो सकती है अहम

2009 से लगातार रूसी हथियारों के निर्यात में आई गिरावट

बता दें कि सिपरी की ओर से जारी ‘इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर 2018’ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रूस से भारत को हथियार निर्यात करने में 2009 से गिरावट शुरू हुई है। पहले मनमोहन सरकार यानी 2009-13 और फिर उसके बाद मोदी सरकार 2014-18 में यह गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सबसे अधिक गिरावट 2014-18 में देखा गया है और इसकी असल वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेशी हथियारों पर देश की निर्भरता को कम करने की कोशिश को बताया गया है। आगे रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014-18 के बीच भारत को जो हथियार निर्यात किए गए उसमें से रूस का हिस्सा 58 फीसदी था, जबकि 2009-13 में 76 फीसदी थी।

एयर स्ट्राइक के बाद घबराए पाकिस्तान ने फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात किए लड़ाकू विमान

पीएम मोदी की नीतियों के कराण हथियारों के आयात में आई कमी

रिपोर्ट में इस बात पर ज्यादा बल दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी हथियारों पर देश की निर्भरता को कम करने की कोशिशों के कारण हथियारों के निर्यात पर असर पड़ा है। हालांकि रिपोर्ट में इसका एक ओर पहलू बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के आयात में इस गिरावट का एक कारण आंशिक रूप से विदेशी निर्यातकों से लाइसेंस प्राप्त हथियारों की डिलीवरी में देरी भी रही है। इसका एक उदाहरण भी दिया गया है। 2001 में भारत ने रूस से लड़ाकू विमान और 2008 में फ्रांस से पनडुब्बी खरीदने का करार किया था, लेकिन क्रमशः लगभग दो दशक और एक दशक बीत जाने के बाद भी भारत को अब तक ये विमान और पनडुब्बी नहीं मिल सके हैं। बता दें कि रिपोर्ट में आगे इस बात पर जोर दिया गया है कि भले ही भारत ने हथियारों का आयात कम कर दिया हो लेकिन 2014-18 के दौरान हथियारों को आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रहा है। भारत ने अपने जीडीपी का 9.5 फीसदी बीते चार वर्षों में हथियारों के आयात पर खर्च किए हैं। भारत ने इस्राइल, अमरीका और फ्रांस से अधिक हथियारों के आयात किए हैं। रिपोेर्ट में कहा गया है कि हथियार खरीदने के मामले में सऊदी अरब सबसे ऊपर है। उसके बाद भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और अल्जीरिया का नंबर आता है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी हथियारों के आयात में कमी देखी गई है। अमरीका पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है। लेकिन कुछ समय से पाकिस्तान में हथियारों का आयात 39 फीसदी तक गिर गया है और अमरीकी हथियारों का निर्यात पाक में 81 फीसदी तक कम हो गया है।

 

Read the Latest India news hindi on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले India news पत्रिका डॉट कॉम पर.

Hindi News / world / Miscellenous World / भारत ने रूसी हथियारों के आयात में की कमी, बीते 9 वर्षों में 42 फीसदी तक की गिरावट

ट्रेंडिंग वीडियो