वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को नसीहत दी है कि वह अफानिस्तान के युद्ध में खुद भी शामिल हो। वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों से लड़ाई में भारत के साथ रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को भी साथ देना चाहिए।
मॉस्को पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कश्मीर पर फिर भारत को मिला रूस का साथ ट्रंप ने सवाल उठाए कि सात हजार मील से अमरीका अफगानिस्तान में आतंकियों से लोहा ले रहा है। मगर बाकी देश मूक दर्शक बने देख रहे हैं, उनका सहयोग बिल्कुल नहीं मिल रहा है। जहां कहीं भी आईएसआईएस की मौजूदगी है, किसी न किसी समय उन देशों को उनसे लड़ना होगा।
अमरीका भारत से यह उम्मीद चौंकाने वाली है। इसका कारण यह है कि अभी तक भारत ने अफगानिस्तान में रचनात्मक और विकास कार्यों में ही अपना योगदान दिया है। भारत ने ना तो आतंकवाद निरोधी अभियानों में हिस्सा लिया है और न ही कभी खुद सैन्य ऑपरेशनों में शामिल होना चाहता है। यह रणनीति खुद अमरीका द्वारा ही तय की गई थी।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप अफगानिस्तान में दशकों चले युद्ध से अपनी सेना को बाहर निकालना चाहते हैं। अमरीकी सेना सितंबर 2001 से ही अफगानिस्तान में मौजूद रही है और अब करीब 18 साल बीत जाने के बाद अमरीका दूसरे देशों से योगदान देने की अपील कर रहा है।