ओसाका में अनौपचारिक ब्रिक्स बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। ये न केवल मासूमों की जान लेता है, बल्कि यह आर्थिक विकास और सांप्रदायिक सद्भाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और नस्लवाद के समर्थन के सभी माध्यमों को रोकना होगा।
मोदी ने कहा कि व्यापार को लेकर एकतरफा फैसले हो रहे हैं। इससे हर किसी को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा सभी को मिलकर बड़े फैसले लेने की आवश्कता है। इससे व्यापरिक घाटे को रोका जा सकेगा। विशेषज्ञों की माने तो इस बयान से वह ईरान पर अमरीकी दबाव का इशारा करते दिखाई दिए। इसके साथ ईरान से तेल निर्यात करने पर रोक को लेकर इसे जोड़ा जा रहा है।
बिना नाम लिए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को एक बार फिर जमकर खरी-खोटी सुनाई। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर दुनिया को भारत का साथ देना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन बुलाया जाए। पीएम मोदी ने ये बातें जब कहीं, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी सामने बैठे थे।
G-20 Summit में ब्रिक्स नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इसमें भ्रष्टाचार अवैध धन और अवैध वित्तीय प्रवाह का मुद्दा शामिल हैं। विदेशी न्यायालयों में जारी वित्तीय मामलों को दुनिया के लिए एक चुनौती बताया गया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि ऐसी प्रवृत्ति आर्थिक विकास और सतत विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। संयुक्त वक्तव्य में ब्रिक्स नेताओं ने कहा कि हम पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, मुक्त और समावेशी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतिबद्ध हैं। ब्रिक्स नशों ने एक सुर में संरक्षणवाद और एकतरफा विश्व व्यापार की निंदा की।
विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के वित्तपोषण, और आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट का उपयोग करने के लिए कमर कसने का आह्वान किया। ब्रिक्स देशों ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की।
(BRICS) समूह 2009 में स्थापित हुआ था। ब्रिक्स में पांच देश हैं, ये हैं ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत । अब तक दस शिखर सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों में एक विशेष ब्लाक बनाना है ताकि यहां पर विकिसत देशों का दबदबा कम किया जा सके। यह विकासशील और विकसित देशों में पुल का काम करता है।