15 जुलाई को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होना है। दुनिया के कई देश अभी भी कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। भारत में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में महामारी को रोकने के लिए वैश्विक भागीदारी को अहम माना जा रहा है। भारत-यूरोपीय संघ की बैठक में कोरोना के सामाजिक-आर्थिक परिणामों को कम करने के लिए वैश्विक सहयोग पर खास चर्चा होगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी में भारत-ईयू मिलकर काम करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी से जुड़े घटनाक्रम पर चर्चा की उम्मीद है। हाल में पीएम नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने महामारी को लेकर खास चिंताए व्यक्त की है। इसमें पीएम ने कोरोनो वायरस के लिए टीका, उपचार और निदान के यूरोपीय आयोग और यूरोप के प्रयासों की प्रशंसा की है।
भारत 120 देशों की मदद कर चुका है प्रधानमंत्री ने पत्र में भारत की क्षमता का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से भारत ने यूरोपीय देशों समेत 120 से अधिक देशों को महामारी के दौर में दवा उपलब्ध कराई है। दुनिया में टीके के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, कम लागत और उच्च वैज्ञानिक गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति करने की भारत की क्षमता का उल्लेख भी प्रधानमंत्री ने किया था।
एक दूसरे की खूबियों का फायदा कोरोना के उपचार का विकास भारत, यूरोप और अन्य देशों में साझेदारी अहम है। यूरोप ने मानकों और नियामक ढांचे के लिए सिस्टम विकसित किया है। वहीं भारत में टीकों को कम लगात में उत्पादन क्षमता है। इसलिए भारत-ईयू की साझेदारी कोरोना वायरस के खिलाफ सस्ते उपचार और टीके की उपलब्धता के लिहाज से बहुत अहम मानी जा रही है।
8.5 लाख के करीब पहुंच गए मामले देश के हालात पर नजर डालें तो यहां पर कोरोना वायरस (Coronavirus in India) संक्रमण के मामले 8.5 लाख के करीब पहुंच गए हैं। वहीं आने वाले दिनों में बेंगलुरु और पुणे समेत कई शहरों के अधिकारी अलग-अलग तिथियों पर लॉकडाउन पुन: लागू करने की तैयारी कर रहे है। उधर दिल्ली में स्थिति में कुछ सुधार दिखाई दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार, रविवार को पूरे राज्य में कड़ी पाबंदियां लागू करने का फैसला किया है।