दरअसल ईरान के कानूनों के हिसाब से दंड की भागीदारी इस महिला का कसूर सिर्फ इतना है कि इसने ईरान के एक सार्वजनिक स्थान पर बिना बुर्का पहने ही चल पड़ी। ईरान की राजधानी तेहरान के मुख्य प्रॉसिक्यूटर अब्बास जाफरी दौलताबादी ने बुर्का नहीं पहनने के आरोप में महिला को 2 साल की सज़ा सुनाई है। सज़ा पाने वाली महिला की पहचान को पूरी तरह से गुप्त रखा गया है। लेकिन महिला के लिए राहत की बात ये है कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।
बताते चलें कि ईरान के इस तुगलकी कानून के खिलाफ यहां की महिलाओं में काफी रोष है, लिहाज़ा कानून के खिलाफ कई महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से बुर्का उतारकर विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यहां पिछले साल दिसंबर में 30 महिलाओं को बुर्का नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। जिनमें से कई महिलाओं को तो छोड़ दिया गया था, लेकिन कई महिलाएं आज भी कैद हैं।
मुख्य प्रॉसिक्यूटर अब्बास जाफरी दौलताबादी की मानें तो महिलाओं द्वारा बुर्का नहीं पहनना को एक प्रकार का नैतिक भ्रष्टाचार है। ईरान में ये नियम सिर्फ यहां की महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि यहां आने वाली विदेशी महिलाओं के लिए भी है। यदि कोई विदेशी महिला यहां के किसी सार्वजनिक स्थल पर बिना बुर्का पहने निकलती है तो उसे भी ईरान के कानून के हिसाब से सज़ा काटनी होती है।