ब्रेक्सिट के नए समझौते को पारित कराने के लिए संसद में फिर से प्रयास करेंगे पीएम बोरिस जॉनसन
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ईयू 27 इस बात के लिए तैयार हो गया कि वह ब्रेक्जिट की अवधि में 31 जनवरी 2020 तक विस्तार करने का ब्रिटेन के अनुरोध स्वीकार करेगा।
बता दें कि इससे पहले तक ब्रिटेन में ब्रेक्जिट की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। ब्रिटेन के सांसदों की भी मांग थी कि ब्रेक्सिट विधेयक पर चर्चा कराई जाए, लेकिन पीएम बोरिस जॉनसन 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट के अपने फैसले पर अड़े थे। उन्होंने साफ कर दिया था कि ब्रेक्जिट के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
सदन में बहुमत हासिल नहीं कर पाए थे बोरिस
बोरिस जॉनसन 31 अक्टूबर तक हर कीमत पर ब्रेक्जिट चाहते थे। इसके लिए उन्होंने यूरोपीय यूनियन से बीते दिनों हुए नए समझौते के बारे में भी बताया था। हालांकि उन्हें सदन में बहुमत प्राप्त नहीं हुआ और इस मामले में उनके कई सांसद विपक्ष के साथ आ गए।
ऐसे में बोरिस जॉनसन अपने वादो को पूरा नहीं कर पाए और अब सदन में इसपर चर्चा होने के बाद ही फिर से कोई फैसला लिया जाएगा।
ब्रेक्सिट पर EU और ब्रिटेन में बनी सहमति, पीएम बोरिस जॉनसन ने किया ऐलान
12 दिसंबर को चुनाव कराना चाहते हैं बोरिस
बोरिस जॉनसन चाहते थे कि ब्रेक्जिट पर जो नया समझौता हुआ है उसपर सदन में कोई चर्चा न हो। इसके लिए उन्होंने संसद को भी सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था, जिसके बाद उन्हें अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था।
ब्रेक्जिट की नई समयसीमा को लेकर बोरिस जॉनसन ने एक नई शर्त रखी थी कि यदि 31 अक्टूबर के बाद ब्रेक्जिट होगा और उससे पहले यदि सांसद इसपर चर्चा करने के लिए समयसीमा चाहते हैं तो यह तभी मिल सकता है, जब 12 दिसंबर को आम चुनाव कराए जाएं।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.