दरअसल, गुरुग्राम के कर्मा लेक लैंड में गिव मी ट्री ट्रस्ट एक नर्सरी बनाने जा रही है। इस संबंध में ट्रस्ट द्वारा जारी किए गए बयान में यह बताया गया कि इस स्थान का चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि यहां पर सुरक्षा व पानी की उचित व्यवस्था है। इसके साथ ही देश का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद और हरियाणा का राजकीय वृक्ष पीपल है, जिससे भारी मात्रा में लोगों के इस अभियान से जुडने की भी उम्मीद है।
इस अभियान में स्कूल, कॉलेज, सेना, खिलाड़ी समेत सबकी भागीदारी की योजना बनाई गई है। इस नर्सरी में उगाए गए पौधों को उत्तर भारत में हरियाली क्रांति के लिए इस्तेमाल में किया जाएगा। आने वाले वक्त में यह नर्सरी राजकीय और राष्ट्रीय वृक्षों की संख्या बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन कर उभरेगा।
पौधरोपण से जुड़े व्यक्तियों के मुताबिक नर्सरी का निर्माण करने और फिर लगातार इस्तेमाल करने में एक बड़ी दिक्कत यह रहती कि किसान 11 महीने में अपनी जमीन से हट जाने के लिए कहा करते थे। हालांकि इस जमीन के प्रबंधकीय निदेशक अश्विनी खुराना नें इस जमीन को 10 वर्षों के लिए हरियाली क्रांति मुहिम को आगे बढाने के लिए समर्पित कर दिया है।
पीपल बाबा द्वारा इस मुहिम की शुरुआत हरियाणा में इसलिए की गई है क्योंकि हरियाणा से इनका जुड़ाव रहा है और इनके पिता सिरसा से हैं और इनका जन्म चंडीगढ़ में हुआ था। यह नर्सरी 9 एकड़ क्षेत्रफल में बनाई जाएगी और यह तीन वर्षीय कार्यक्रम का एक हिस्सा है। पहले चरण में 2 एकड़ की जमीन चिह्नित की गई है फिर अगले साल और 2 एकड़ और जमीन ली जाएगी तथा तीसरे साल में 5 एकड़ जमीन पर नर्सरी का विकास किया जाएगा। कुल मिला कर 20 लाख पेड़ों की नर्सरी बनाने की योजना है जोकि पीपल और बरगद की दुनिया की सबसे बड़ी नर्सरी होगी। सीआरपीएफ के जवान हर महीने आकर इस नर्सरी की देखभाल में अपना योगदान देंगे।
इस संबंध में 31वीं बटालियन के जवानों ने कहा कि सीआरपीएफ हमेशा राष्ट्र की शान बढाने के लिए तत्पर है। जब-जब जवान दिल्ली एनसीआर में रहेंगे, वे हरियाली क्रांति मुहिम के साथ जुड़कर काम करेंगे। गौरतलब है कि सीआरपीएफ के इन जवानों ने पीपल बाबा द्वारा विकसित किए गए देश के महत्वपूर्ण शहरी वनीय क्षेत्रों सोरखा, मैंचा, बाबा नीम करोली में हजारों पौधे लगाए हैं। यहां तक कि पौधरोपण केंद्रों पर तालाब खोदने में भी ये जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
कर्मा लेक लैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी खुराना भी पीपल बाबा के पौधरोपण अभियान से पिछले दशक से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सौभाग्य है कि दुनिया की सबसे बड़ी राष्ट्रीय और राजकीय वृक्षों की नर्सरी बनाकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की जो मुहिम है, वह उसका हिस्सा हैं। पीपल बाबा ने कहा कि ऐसे प्रयासों से सुनहरे भविष्य की शुरुआत होती है जहां कहीं भी ऐसा मौका मिलेगा हमारी टीम हरियाली बढाने में अपना योगदान जरूर देती रहेगी।