एक शोध में ये बात सामने आई है कि ये बीमारी अब बुजुर्गों के साथ युवाओं में देखने को मिल रही है। किंग्स जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सक प्रो. आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक शराब का अत्यधिक सेवन, वायु प्रदूषण सिर पर गंभीर चोट लगने की वजह से ये बीमारी अब युवाओं में देखने को मिल रही है। हालांकि कुछ घर में ही कुछ उपायों के साथ इस गंभीर बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
संसद के मानसून सत्र के आठवें दिन निलंबित हुए आठ सांसद, जानें क्या है वजह बीजेपी के दिग्गज नेता का 82 वर्ष की उम्र में हुआ निधन, शोक की लहर अल्जाइमर की बीमारी से आप खुद को आसानी से बचा सकते हैं। बस कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना और इसे अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा।
सही आहार जरूर
अल्जाइमर से बचने के लिए शाकाहारी भोजन को उत्तम माना गया है। इनमें भी हरी सब्जियां, बेरीज, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और ऑलिव ऑयल आदि को शामिल करना चाहिए। दरअसल इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो आपके ब्रेन सेल्स को डेमेज होने से बचाते हैं। ऐसे में आपका दिमाग लंबे समय तक सुरक्षित और सरी तरीके से काम करता है।
अल्जाइमर से बचने के लिए शाकाहारी भोजन को उत्तम माना गया है। इनमें भी हरी सब्जियां, बेरीज, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और ऑलिव ऑयल आदि को शामिल करना चाहिए। दरअसल इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो आपके ब्रेन सेल्स को डेमेज होने से बचाते हैं। ऐसे में आपका दिमाग लंबे समय तक सुरक्षित और सरी तरीके से काम करता है।
व्यायाम को करें शामिल
अपनी जीवनशैली में व्यायाम को जरूर शामिल करें। रोजाना करीब आधा घंटा व्यायाम को दें। चाहें तो हफ्ते में ढाई से तीन घंटे तक का व्यायाम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। ये व्यायाम आपकी यादाश्त को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होंगे।
अपनी जीवनशैली में व्यायाम को जरूर शामिल करें। रोजाना करीब आधा घंटा व्यायाम को दें। चाहें तो हफ्ते में ढाई से तीन घंटे तक का व्यायाम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। ये व्यायाम आपकी यादाश्त को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होंगे।
अकेलेपन और डिप्रेशन से बचें
आमतौर पर अल्जाइमर की बीमारी के कारणों में अकेलापन और डिप्रेशन को बड़ी वजह बताया जाता है। कई अध्ययनों में भी इस बात की पुष्टि हुई कि जो लोग ज्यादा समय अकेले या फिर डिप्रेशन में बिताते हैं, उनमें से समस्या अधिक देखने को मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी दिनचर्या ऐसी बनाएं कि आपको अकेले रहने का वक्त ही ना मिले। परिवार, दोस्तों के साथ-साथ अपने काम में व्यस्त रहकर आप इसे बेहतर बना सकते हैं।
आमतौर पर अल्जाइमर की बीमारी के कारणों में अकेलापन और डिप्रेशन को बड़ी वजह बताया जाता है। कई अध्ययनों में भी इस बात की पुष्टि हुई कि जो लोग ज्यादा समय अकेले या फिर डिप्रेशन में बिताते हैं, उनमें से समस्या अधिक देखने को मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी दिनचर्या ऐसी बनाएं कि आपको अकेले रहने का वक्त ही ना मिले। परिवार, दोस्तों के साथ-साथ अपने काम में व्यस्त रहकर आप इसे बेहतर बना सकते हैं।
धूम्रपान और शराब की लत छोड़ें
अत्यधिक शराब का सेवन और धूम्रपान भी अल्जाइमर को बुलावा देता है। इन वस्तुओं के सेवन से ना सिर्प हार्ट, फेफड़ों और कैंसर का खतरा है बल्कि अल्जाइमर डिमेंशिया जैसी बीमारियां भी आपको घेर सकती हैं। ऐसे में जहां तक हो इससे दूरी बनाए रखें।
अत्यधिक शराब का सेवन और धूम्रपान भी अल्जाइमर को बुलावा देता है। इन वस्तुओं के सेवन से ना सिर्प हार्ट, फेफड़ों और कैंसर का खतरा है बल्कि अल्जाइमर डिमेंशिया जैसी बीमारियां भी आपको घेर सकती हैं। ऐसे में जहां तक हो इससे दूरी बनाए रखें।
संतुलित नींद आवश्यक
नींद हमारी मानिसक क्षमताओं को मजबूत रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कई रिसर्च भी इस बात को पुख्ता कर चुके हैं कि संतुलित नींद से मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर भी स्वस्थ्य रहता है। दरअसल कम नींद की वजह से मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है, ऐसे में यादश्त कम होने का खतरा बढ़ता है। यही वजह है कि रोजाना 7 से 9 घंटे के बीच नींद लेने पर आप इस खतरे से बच सकते हैं।
नींद हमारी मानिसक क्षमताओं को मजबूत रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कई रिसर्च भी इस बात को पुख्ता कर चुके हैं कि संतुलित नींद से मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर भी स्वस्थ्य रहता है। दरअसल कम नींद की वजह से मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है, ऐसे में यादश्त कम होने का खतरा बढ़ता है। यही वजह है कि रोजाना 7 से 9 घंटे के बीच नींद लेने पर आप इस खतरे से बच सकते हैं।