BrahMos के साथ डेढ़ महीने में भारत ने किया 12 मिसाइलों का परीक्षण, यह रहे सभी के नाम और काम
भारत ने रविवार को ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेनिक संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
बीते 7 सितंबर से स्वदेश निर्मित HSTDV के साथ भारत ने की थी टेस्टिंग (indian missiles ) की शुरुआत।
इस दौरान भारत ने हवा, जमीन और पानी के भीतर अपनी जबर्दस्त ताकत दिखाई।
With BrahMos India has test fired 12 missiles in last 45 Days
नई दिल्ली। भारत ने रविवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नौसैनिक संस्करण का परीक्षण किया। इस मिसाइल को रविवार को स्वदेश निर्मित गुप्त विध्वंसक (stealth destroyer) आईएनएस चेन्नई से दागा गया था। ब्रह्मोस के सफल परीक्षण के साथ ही भारत ने अब तक दो महीनों से भी कम वक्त के भीतर 11 मिसाइलों ( indian missiles ) का परीक्षण किया है।
भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 के नए संस्करण का परीक्षण किया है। इन टेस्टिंग में शौर्य का भी परीक्षण किया गया है जो एक लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल है। भारत ने LAC पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की एक बड़ी संख्या में तैनाती की है।
आइए जानते हैं कि बीते 45 दिनों के भीतर भारत किन मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है: 7 सितंबर: स्वदेशी रूप से विकसित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का परीक्षण ओडिशा के तट से किया गया। यह क्रूज मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों के लिए आवश्यक है।
22 सितंबर: ABHYAS – हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) व्हीकल्सः का ओडिशा के तट से परीक्षण किया गया। इनका इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है।
23 सितंबर: DRDO ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया। DRDO के मुताबिक, “एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर यानी विशेष कवच (ERA) द्वारा संरक्षित” बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
23 सितंबर: पृथ्वी-2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया। यह एक स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो DRDO के अनुसार अपने लक्ष्य को हिट करने के लिए पैंतरेबाज़ी के साथ एक एडवांस्ड इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल करती है।
डीआरडीओ ने हासिल की बड़ी सफलता, बना दी वो मिसाइल जो पनडुब्बी या जहाज को फट से कर देगी तबाह27 सितंबरः डीआरडीओ ने परमाणु-सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का सफलतापूर्वक रात्रि परीक्षण किया। 250 किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल 1 टन का वारहेड ले जा सकती है। डीआरडीओ द्वारा इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत यह 9-मीटर लंबी मिसाइल विकसित की गई है। यह भारत की पहली सतह से सतह पर मार करने वाली स्वदेशी रणनीतिक मिसाइल है।
30 सितंबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की एक्सटेंडेड रेंज का ओडिशा में जमीनी केंद्र से परीक्षण किया गया। 1 अक्टूबर: लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक MBT अर्जुन टैंक से दागी गई।
3 अक्टूबर: भारत ने ओडिशा तट से परमाणु-सक्षम शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया। 5 अक्टूबर: भारत ने पनडुब्बी रोधी वारफेयरर विकसित किया है और स्वदेशी रूप से विकसित SMART टारपीडो प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह टारपीडो रेंज से परे एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) के संचालन के लिए आवश्यक है।
16 अक्टूबरः ओडिशा तट स्थित परीक्षण रेंज से सशस्त्र बलों के लिए एक यूजर ट्रायल के रूप में अपनी परमाणु-सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का रात में परीक्षण सफलतापूर्वक किया। लिक्विड-प्रोपेल्ड यानी द्रव्य ईंधन द्वारा चलने वाली पृथ्वी-2 की रेंज 250 किलोमीटर है और यह 1 टन का वारहेड ले जा सकती है। यह 9-मीटर लंबी मिसाइल डीआरडीओ द्वारा इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत विकसित की गई है। सतह से सतह पर मार करने वाली यह भारत की पहली स्वदेशी रणनीतिक मिसाइल है।
18 अक्टूबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक नौसेना संस्करण, स्वदेश निर्मित आईएनएस चेन्नई से फायर किया गया।