ममता सरकार का केंद्र से आग्रह, राज्य में सभी लोगों के लिए टीके उपलब्ध कराए जाएं गौरतलब है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
कोविशील्ड वैक्सीन कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन.स्वीडन की फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने तैयार किया है। भारत में इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने इस वैक्सीन के तीनों फेज के नतीजे काफी बेहतर आए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि वैक्सीन की दो डोज काफी असरदार है। ब्रिटेन में इस ट्रायल से 90.95 फीसदी तक असरदार रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार ट्रायल में शामिल लोगों में एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स तैयार हुए। फायजर और मोर्डेना की वैक्सीन से ये काफी अलग है।
कोवैक्सीन कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आईसीए ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। खास बात ये है कि इस वैक्सीन से साइडइफ्केट होने पर कंपनी की तरफ से हर्जाना भी दिया जाएगा। वैक्सीन की डोज लेने के बाद लोगों को एक फैक्टशीट भी दी जाएगी। इसमें उन्हें अलग.अलग लक्षणों के बारे में अगले सात दिनों तक लिखना होगा। गौरतलब है कि कोवैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल अभी भी करीब 26 हजार लोगों पर चल रहे हैं। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीडोट उत्पन्न करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। हालांकि कोवैक्सीन की चिकित्सकीय प्रभावकारिता का निर्धारण करा जाना बाकी है।