क्या हैं बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू वास्तव में एक संक्रामक बीमारी है। यह इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस की मदद से फैलता है जो आमतौर पर चिकन, कबूतर और इस तरह के पक्षियों में पाया जाता है। इस वायरस के बहुत से स्ट्रेन हैं। इसमें से कुछ माइल्ड होते हैं जबकि कुछ बहुत अधिक संक्रामक होते हैं और उससे बहुत बड़े पैमाने पर पक्षियों के मरने का खतरा पैदा हो जाता है।
कोरोना की तुलना में ज्यादा घातक बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा भी कहते हैं। यह बहुत ही संक्रामक और कोरोना की तुलना में ज्यादा घातक है। इंफ्लूएंजा के 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच ऐसे हैं जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। ये हैं- ये हैं- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2।
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू पक्षियों के जरिए ही इंसानों में फैलता है। इन वायरस को एचपीएआई कहा जाता है। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक H5N1 बर्ड फ्लू वायरस है। बर्ड फ्लू अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। अब तक 60 से ज्यादा देशों में बर्ड फ्लू महामारी का रूप भी ले चुका है।
केरल में बड़ी कार्रवाई
केरल में बर्ड फ्लू के H5N8 स्ट्रेन को नियंत्रित करने के लिए इंसानों को पक्षियों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही मुर्गे—मुर्गियों और बत्तखों को मारा जा रहा है। केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है।
सबसे ज्यादा खतरनाक है H5N1
बर्ड फ्लू का स्ट्रेन H5N1 सबसे खतरनाक है। इसका वायरस हवा से फैलता है। इसके साथ ही तेजी से म्यूटेशन भी करता है। इंसानों से इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण के मामले कम देखे गए हैं, पक्षियों और जानवरों के जरिए इंसानों में इसका संक्रमण जरूर फैला रहा है। चीन के गुआंगडोंग में इंसानों को H5N1 बर्ड फ्लू वायरस ने पहली बार 1997 में संक्रमित किया था। अब तक H5N1 बर्ड फ्लू वायरस का यही म्यूटेशन वाला वायरस संक्रमण फैला रहा है।
इंसानों तक कैसे पहुंचता है
जब कोई पक्षी इस फ्लू से प्रभावित होता है और इंसान उसके यूरिन और स्टूल के संपर्क में जाता है तो उससे यह वायरस इंसान तक पहुंच जाता है, क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। इसलिए अगर इन दिनों कहीं पर अपने आप कोई पक्षी मरा हुआ दिखे तो उससे दूर रहें। उसे न छूएं, उससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।