शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार ( Uttar Pradesh Government ) से सवाल किया कि इस बात से हम हैरान हैं कि इतने मामलों में कुख्यात और वांछित अपराधी जमानत ( Bail ) पर कैसे रिहा हो गया।
अफसोस! 30 रुपए रिश्वत न देने पर मासूम से खिंचवाया स्ट्रेचर, वीडियो वायरल गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर ( Vikas Dubey Encounter ) की सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ( DGP Hitesh Chandra Awasthi) की ओर से वकील हरीश साल्वे ( Advocate Harish Salve ) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह मामला तेलंगाना मुठभेड़ से कई मामलों में अलग है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को भी मौलिक अधिकार है।
क्या पुलिस पर अत्यधिक बल का आरोप लगाया जा सकता है जब वह एक खूंखार अपराधी के साथ लाइव मुठभेड़ में लगी हो? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को एनकाउंटर की पूरी जानकारी दी। इस पर CJI ने कहा कि यह हैदराबाद और विकास दुबे केस में एक बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे और विकास दुबे और उसके साथी पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे। सीजेआई ने कहा कि इस जांच से कानून का शासन मज़बूत ही होगा और पुलिस का मनोबल बढ़ेगा।
Ambulance operators का मरीजों से लूट, मुंबई में 10-15 KM किमी के वसूले जा रहे हैं 30K रुपए सीजेआई ने कहा कि इतने संगीन मुकदमों का मुख्य आरोपी बेल पर रिहा था। कोर्ट ने समिति के संभावित सदस्यों के नाम कल तक देने को कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने विकास दुबे को जमानत संबंधी सारे आदेश मांगे।
कल तक नोटिफिकेशन जारी करे यूपी सरकार यूपी सरकार ( UP Government ) ने कहा कि जांच कमेटी के लिए वो नोटिफिकेशन ( Notification ) जारी कर देंगे जिसमें एक रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज, एक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और एक रिटायर्ड DGP होंगे। CJI ने यूपी के वकील से कहा कि वह सीएम और डिप्टी सीएम द्वारा दिए गए बयानों पर भी गौर करें।
अगर उन्होंने कुछ बयान दिए हैं या फिर कुछ हुआ है तो आपको इस पर गौर करना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट देखेगा कि टीम निष्पक्ष है या नहीं।