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संघ ने विहिप को संतों-महंतों व कथावाचकों को लामबंद करने की जिम्मेदारी सौंपी है, लिहाजा विहिप अब इस अभियान को पूरे जोर शोर से चला रही है। अभियान के बारे में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिल्ली प्रांत के कार्याध्यक्ष वागीश इस्सर ने कहा, “साधु-संत हमेशा से मार्गदर्शन का काम करते रहे हैं। उनके अनन्य भक्त होते हैं, जो उनकी बातों पर भरोसा करते हैं। अगर वे अपने मुखारबिंद से बोलेंगे, तो इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
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इस्सर ने दावा किया कि कुछ संतो ने अपने प्रतिदिन होने वाले प्रवचन में इस मुद्दे पर बोलना शुरू भी कर दिया है। गौरतलब है कि सीएए को समझाने के लिए विहिप ‘आइए जानें सीएए’ नाम से दो पेजों का पंपलेट छपवा चुका है। इसमें नागरिकता कानून के बारे में इतिहास के साथ जानकारी दी गई है। साथ ही आंकड़ों के माध्यम से यह भी बताने की कोशिश की गई है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में किस तरह हिंदू और दूसरे धर्म के लोग कम हो गए।
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सूत्रों के अनुसार, भाजपा सड़क पर समर्थन में रैली करने, घर-घर जागरूकता अभियान चलाने से ज्यादा कारगर साधुओं और कथावाचकों को मान रही है। पार्टी का मानना है कि उनके भक्तों की संख्या ज्यादा है और भक्त नेताओं के बजाय अपने गुरु की बात पर ज्यादा भरोसा करेंगे। विहिप भी साधु संतों, महंतो, महामंडलेश्वरों और खास तौर कथावचकों को इस बात के लिए तैयार कर रही है कि वो अपनी कथा, प्रवचन में सीएए के बारे में बताएं और देश भर में चलने वाला विरोध किस तरह हिंदुओं के खिलाफ है इसको उजागर करने का कार्य करें।
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विहिप इस मुद्दे को समझाने के लिए साधु-संत और महंतों के लिए वर्कशॉप का भी आयोजन करने जा रही है। इस तरह का पहला आयोजन 19 जनवरी को दिल्ली के वी.पी. हाउस में होगा।