नए SOP के मुताबिक भारत आने वाली फ्लाइट में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अपना सारा खर्च खुद उठाना होगा। पहले 14 दिनों के क्वारंटीन में रहने के लिए 7 दिन का खर्च सरकार और बाकी बचे दिनों का खर्च सरकार उठाती थी। इसके अलावा मास्क और सैनिटाइजर आदि की सुविधा भी एयरलाइंस वहन करता था। मगर अब ये चीजें भी यात्रियों को खुद से मैनेज करनी होंगी।
कई बार संक्रमति पायलट और क्रू मेंबर्स से भी महामारी का खतरा रहता है। इसलिए पहले सभी स्टाफ का COVID-19 टेस्ट होगा। जिनकी नेगेटिव रिपोर्ट आएगी, उन्हें ही उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी। SOP में यह भी निर्देश है कि विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) सभी वंदे भारत यात्रियों का एक डेटा बेस तैयार करेगा, जिसे वो संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ शेयर किया जाएगा। जिससे प्रत्येक यात्री का ब्योरा संबंधित राज्य के पास हो।
विदेश मंत्रालय और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री इस मुश्किल दौर में अपने सिर और मुसीबत नहीं लेना चाहता। इसलिए अब यात्री अपनी रिस्क पर यात्रा करेंगे। ये बात पैसेंजर्स को अडरटेकिंग में साइन करके देनी होगी। वहीं एविएशन मिनिस्ट्री की ओर ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हवाई यात्रा के शेड्यूल से दो दिन पहले नोटिस लगाकर सारी जानकारी सांझा करेगी। जिसमें यात्रा की तारीख, स्थान और आगमन का समय आदि की जानकारी होगी।