लोकसभा में सचिव बनाए गए उत्पल कुमार सिंह भारत सरकार के कई विभागों में कई पदों पर काम कर चुके हैं। एक आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी छवि निष्पक्ष और ईमानदार अधिकारी ( Fair and honest officer ) की रही है। उत्तराखंड में उत्पल कुमार कई सुधार कार्यक्रमों को लागू करने के लिए जाने जाते हैं। खासतौर से प्रशासनिक मामलों बिना विवाद में रहे कुशलतापूर्वक संपन्न करने में उन्हें महारत हासिल है।
India में टूटा अमरीका का रिकॉर्ड, 24 घंटे में कोरोना के 79000 मामले आए सामने, मरीजों की संख्या 35 लाख पार ओम बिरला ने दी नियुक्ति को मंजूरी बिहार के जमुई जिला निवासी रिटायर्ट आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को लोकसभा का सचिव जैसे ओहदेदार पद पर नियुक्ति को मंजूरी सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने दी है।पूर्व आईएसएस उत्पल कुमार सिंह को रिटायर होने के बाद भी लोकसभा सचिव बनाने पर उनके पैतृक गांव में लोगों के बीच खुशी का माहौल है।
पैतृक गांव मलयपुर में खुशी का माहौल इससे पहले उत्पल कुमार उतराखंड में कई सरकारी विभागों में बड़े पदों पर काम कर चुके हैं। उनके पास अहम विभागों में काम करने का अच्छा अनुभव है। लोकसभा में सचिव पद पर नियुक्त होने की जानकारी के बाद उनके पैतृक गांव जमुई जिले के बाराहाट प्रखंड के मलयपुर गांव में लोगों के बीच खुशी का माहौल देखा गया।
परिवार से आने वाले लोग हों या फिर गांव वाले, उत्पल कुमार सिंह का लोकसभा में सचिव होने पर लोगों ने उन्हें शुभकामना और बधाइयां दी हैं। गांव के लोगों ने उत्पल को नई जिम्मेदारी देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी धन्यवाद कहा है।
1986 में हुआ था अखिल भारतीय सेवा के लिए चयन उत्पल कुमार सिंह के चाचा युगल किशोर सिंह ने बताया कि उत्पल कुमार सिंह 1986 मैच में आईएस अधिकारी बने थे। बीते 31 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्य सचिव होने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। रिटायर होने के बाद भी उनके कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने फिर से अहम पद पर काम करने का सम्मान दिया है। उन्हें लोकसभा में सचिव पद पर नियुक्त किया गया है। उत्पल कुमार सिंह के चाचा ने बताया कि वो सचिव के पद पर 1 सितंबर से अपना योगदान देंगे।