यूएई के पैकेज के बाद उठने लगे मोदी सरकार पर सवाल
इस बीच केरल की आपदा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है, क्योंकि यूएई से मिलने वाली राहत राशि केंद्र सरकार की तरफ से दी गई राहत राशि के मुकाबले काफी ज्यादा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 500 करोड़ रुपए की राहत राशि दी। केरल को दी जाने वाली इस आर्थिक मदद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करना काफी नहीं है, इससे कहीं ज्यादा तो यूएई ने केरल के लोगों के लिए राहत राशि भेजी है।
राहुल गांधी ने की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
वहीं दूसरी तरफ केरल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए विपक्ष लगातार मोदी सरकार से मांग कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”प्रिय प्रधानमंत्री, कृपया केरल की बाढ़ को बिना किसी देरी के राष्ट्रीय आपदा घोषित करें। हमारे लाखों लोगों का जीवन, रोजी रोटी और भविष्य दांव पर है।” अपने इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, ”केरल राहत के लिए आवंटित धन को बढ़ाकर 500 करोड़ करना अच्छा कदम है लेकिन यह पर्याप्त के आसपास भी नहीं है।”
सीएम ने विधानसभा के विशेष सत्र का किया आह्वान
यूएई से 700 करोड़ रुपए की मदद मिलने के बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कहा कि राज्य सरकार के मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से इस बात की सिफारिश करने का फैसला किया है कि वह 30 अगस्त को बाढ़ के बाद केरल के राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए विधानसभा के विशेष सत्र का आह्वान करें।
खाड़ी देशों में अधिक है केरल के लोगों की संख्या
केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए यूएई सरकार की तरफ से मिलने वाली 700 करोड़ की राहत राशि के पीछे वजह ये हो सकती है कि खाड़ी देशों में भारत से जो लोग काम के लिए जाते हैं उनमें ज्यातार केरल से ही होते हैं। इनमें यूएई, इराक, ईरान, सऊदी अरब जैसे देशों में केरल के लोग अधिकतर मिलते हैं।