दरअसल, ढाई महीने का संचित टीजीए ( TGA ) नामक बीमारी से पीड़ित था। इस बीमारी की वजह से बच्चे के दिल में शुद्ध और अशुद्ध रक्त ले जाने वाली शिराएं गलत तरीके से जुड़ी थीं। दिल के बाएं चैंबर की ओर के हिस्से में दाईं तरफ वाली रक्तवाहिनी जुड़ी थी और दाईं तरफ वाले हिस्से में बाईं ओर वाली रक्तवाहिनी जुड़ी थी।
दिल के दो रक्तवाहिनियों के गलत तरीके से जुड़ने से बच्चे के शरीर में शुद्ध रक्त और अशुद्द रक्त मिल जा रहा था। इससे बच्चे के शरीर में भी ऑक्सीजन रहित खून जा रहा था। इससे उसका शरीर नीला पड़ने लगा था।
सीएम केजरीवाल ने किया Delhi Corona App लॉन्च, बेड से लेकर वेंटिलेटर तक की मिलेगी जानकारी एम्स के कार्डियोथोरेसिक विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर एके विश्रोई ने बताया कि बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन युक्त खून की सही आपूर्ति हो और उसका शरीर नीला न पड़े, इसके लिए उसकी सर्जरी करनी थी। इस प्रक्रिया में गलत तरीके से जुड़ी रक्त शिराओं को सर्जरी से हटाकर उनके सही स्थान पर लगाना था। जिसे एम्स के डॉक्टरों के अपने प्रयास से सर्जरी ( Surgery ) कर ठीक कर दिया और बच्चे को नई जिंदगी मिल गई।
इस बारे में एम्स के डॉक्टर विश्नोई ने बताया कि सर्जरी से पहले एहतियातन बच्चे की कोरोना जांच ( Coronavirus Test ) कराई गई। कोरोना जांच में बच्चा पॉजिटिव पाया गया। 8 मई को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। बच्चे के पिता भी कोरोन वायरस संक्रमित ( Coronavirus Positive ) हैं।
Corona के बढ़ते मामलों के बीच राहत, 14 राज्यों में जंग जीतने वाले सक्रिय मरीजों से ज्यादा इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को एम्स ट्रामा सेंटर ( AIIMS Trauma Centre ) में भर्ती कराया। वह 18 मई तक वहां रहा। 10 दिन में ही बच्चा कोरोना संक्रमण से ठीक हो गया। इसके बाद उसके दिल की सर्जरी की गई। यह सर्जरी तीन घंटे चली और सफल रही।