पाकिस्तान
हमारा पड़ोसी और मुस्लिम बहुल्य देश पाकिस्तान में तीन तलाक मान्य नहीं है। पाकिस्तान में तीन तलाक पर एक समिति की सिफारिशों के आधार पर नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत अगर कोई शख्स अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है तो उसे सरकारी संस्था चेयरमैन ऑफ यूनियन काउंसिल के पास आवेदन भेजना होगा। ये काउंसिल पहले दोनों के बीच सुलह करवाने का प्रयास करती है। फिर अगर 90 दिन में अगर दोनों में सुलह नहीं हुआ तो तलाक माना जाएगा।
इराक
इराक भी एक मुस्लिम बहुल्य देश ही है। इराक ने भी अपने तलाक से जुड़े मामले में नागरिकों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। यहां एक बार में तीन तलाक बोलने पर एक ही तलाक माना जाता है। अदालत चाहे तो मामले में सुनवाई कर दो लोगों को सुलह के लिए नियुक्त कर सकती है। अगर सुलह नहीं हुई तो अदालत मामले में फैसला सुना सकती है।
श्रीलंका
हमारे एक और निकटवर्ती देश श्रीलंका में अगर कोई मुस्लिम शख्स अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है तो उसे मुस्लिम जज काजी को इसके बारे में नोटिस देना होगा। यहां भी पाकिस्तान की तरह पहले बातचीत कर सुलह का रास्ता तलाशा जाता है। अगर मामले में सुलह नहीं होती तो पति 30 दिन बाद अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। तलाक जज और दो गवाहों की मौजूदगी में होगा।
मिस्र
आपको बता दें कि तीन तलाक के नियमों में सबसे पहले मिस्र ने ही बदलाव किया था। यहां 13वीं सदी में ही तीन तलाक से जुड़े नियम बदल गए थे। यहां के कानून भी कुछ-कुछ पाकिस्तान की ही तरह है। मिश्र में भी तीन बार तलाक बोलने पर एक ही तलाक माना जाता है। पहले तलाक के बाद 90 दिन इंतजार किया जाता है। उसके बाद तलाक मान्य होता है।