सरकार बार-बार यह अपील क्यों कर रही इस बीच सरकार की ओर से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सलाह देते हुए बताया कि यह ऐसा खतरनाक दौर है कि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए। अब सवाल यह है कि सरकार बार-बार यह अपील क्यों कर रही है? क्यों वह परिवार के साथ घर में रहने पर भी मास्क पहनने पर जोर दे रही है।
-
सरकार ने खुद ही दिया जवाब हालांकि, इस सवाल का जवाब भी सरकार ने खुद ही दिया है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे, तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक रूक जाए, तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे। इसके अलावा, गतिविधि यदि 75 प्रतिशत तक थम जाए, तो एक व्यक्ति ढाई यानी 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर सकता है।
14 करोड़ लोगों को खुराक दी गई लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है और सोमवार तक लगभग 14 करोड़ 19 लाख लोगों को इसकी खुराक दी गई है। इनमें 45 साल से अधिक उम्र के 9 करोड़ 79 लाख लोगों को पहली खुराक और एक करोड़ तीन लाख लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
-
पीरियड के समय भी टीके की खुराक ले सकती हैं महिलाएं यही नहीं, टीकाकरण और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए केंद्र सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा खतरनाक दौर है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए। आज के समय में बढ़ते संक्रमण की वजह से यह बेहद जरूरी है। सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि अनावश्यक अफरातफरी से फायदे की जगह नुकसान हो रहा है। टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की हिमायत की। केंद्र ने सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि महिलाएं माहवारी (पीरियड) के समय भी टीके की खुराक ले सकती हैं।
कई लोग डर की वजह से अस्पतालों में भर्ती हो रहे केंद्र सरकार के मुताबिक, कई लोग डर की वजह से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। मेडिकल ऑक्सीजन की कमी होने के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि भारत में पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है, मगर इसे अस्पतालों में पहुंचाना बड़ी चुनौती है। वहीं, सरकार ने अस्पतालों से भी तर्कसंगत तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है। इसके अलावा, दूसरी जरूरी दवाएं भी तार्किक तरीके से लिखने की सलाह दी गई है।