कोटा/नई दिल्ली। श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के कैम्पस में तिरंगा फहराने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विवाद बढ़ गया है। कोटा निवासी छात्र मुकेश ने बताया कि हॉस्टल में घुसकर छात्रों को धमकियां दी जा रही हैं। घटना के बाद से यहा हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव हो रहा है। हॉस्टल से निकलते ही बाहरी राज्यों के छात्रों को टार्गेट बनाकर पीटा जा रहा है। साबुन से लेकर बिस्किट तक खत्म हो गया है, लेकिन कोई भी दुकनदार सामान नहीं दे रहा। पीडि़त छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी हालत बयां करनी चाही तो संस्थान ने वाईफाई बंद कर दिया। सेव एनआईटी नाम से पेज बनाया तो उसे बंद करा दिया गया। घायल छात्रों को ढंग से इलाज तक नहीं मिल पा रहा। हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव हो रहा है। वहीं भीलवाड़ा के कुचलवाड़ा कला की उपसरपंच चंद्रकाता वर्मा ने कहा कि बच्चों ने कुछ गलत नहीं किया फिर पुलिस ने उन्हें क्यों मारा।
केंद्र ने फटकारा
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि छात्रों पर बल प्रयोग नहीं किया जाए और उनकी पढ़ाई पर कोई असर नहीं हो। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार सभी कदम उठा रही है। वहीं कैंपस में तनाव के हालात को देखते हुए सीआरपीएफ तैनात की गई है।
यह है मामला
31 मार्च… रात करीब दस बजे…टी-20 वल्र्डकप में भारत के हारते ही कैंपस के बाहर से पाकिस्तान के समर्थन और भारत के विरोध में नारेबाजी होने लगी… कुछ देर बाद यह शोर कैंपस के अंदर से आने लगा… राजस्थान, यूपी और बिहार से आए फस्र्ट ईयर के छात्रों ने जब इसका विरोध किया तो उनके हॉस्टल पर बाहर से पत्थर बाजी होने लगी। फोन करने के बावजूद न पुलिस आई और न ही एनआईटी प्रबंधन ने हमारी सुध ली। लेकिन कुछ देर बाद कैंपस में जम्मू-कश्मीर के छात्र राजस्थान, यूपी और बिहार के छात्रों से भिड़ गए।
गेट पर तिरंगा फहराना चाहते हैं छात्र
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में राज्य के बाहरी छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना के बाद बुधवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों को समुचित सुरक्षा का आश्वासन दिलाया और कहा कि उन्हें किसी तरह का कष्ट नहीं होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा कि छात्रों की चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा। उधर, प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि उन्हें कैंपस के मेन गेट पर रोजाना तिरंगा फहराने की इजाजत दी जाए।
वहीं केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि छात्रों पर बल प्रयोग नहीं किया जाए और उनकी पढ़ाई पर कोई असर नहीं हो। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार सभी कदम उठा रही है। जम्मू कश्मीर सरकार ने एक जिलास्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। ईरानी ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय की तीन सदस्यीय एक टीम एनआईटी पहुंच चुकी है और परीक्षा होने तक श्रीनगर में ही रहेगी। टीम ने छात्रों से मुलाकात की। एनआईटी में 11 अप्रेल से परीक्षा शुरू होगी। टीम में संजीव शर्मा, डायरेक्टर (टेक्निकल एजुकेशन), डेप्युटी डायरेक्टर (फाइनैंस) फजल महमूद व एनआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन एमजे जराबी शामिल हैं।
ये है छात्रों की मांग
एनआईटी के कुछ अधिकारियों का तबादला किया जाए।
देशविरोधी गतिविधियों पर रोक लगे।
मेन गेट पर तिरंगा फहराने की इजाजत मिलनी चाहिए।
कैंपस को जम्मू में शिफ्ट करने और मंदिर बनाने की मांग की है।
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