बता दें कि कलाम पुरस्कार से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जो वैज्ञानिक विकास, मानविकी और छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। तमिलनाडु सरकार की ओर से प्रदेश के निवासियों को यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार में आठ ग्राम का स्वर्ण पद और पांच लाख रुपये नकद दिया जाता है।
इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने एक सरकारी स्कूल से तमिल माध्यम से पढ़ाई की है। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सिवन खेतों में पिता की मदद किया करते थे। इसी कारण उनका दाखिला घर के पास वाले कॉलेज में कराया गया।
उन्होंने शत प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी (गणित) की पढ़ाई के बाद अपना मन बदल लिया। उनका बचपन बिना जूतों और सैंडल के गुजरा था। सिवन के अनुसार वे कॉलेज तक धोती पहनते थे। जब वे एमआईटी में गए तो पहली बार पैंट पहनी थी।