राहत की उम्मीद न करे आरोपी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस रामसुब्रमण्यम की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उसका मुवक्किल एक क्रूर व्यक्ति है। उसे अदालत से किसी तरह की राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि उसका मुवक्किल क्रूर नहीं था और उसने कोई क्रूरता नहीं की है।
पत्नी ने पति को बताया क्रूर लेकिन सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उनकी पत्नी ने अपनी शिकायत में उसे क्रूर कहा है। बता दें कि राजस्थान निवासी आरोपी ने अपनी पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के खिलाफ अग्रिम जमानत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
तलाक ले लेते तीन जजों की पीठ ने कहा कि 300 टिक-टॉक अश्लील वीडियो बनाने का मतलब यह नहीं है कि पुरुष को अपनी पत्नी पर किसी भी तरह की क्रूरता करनी चाहिए। अगर उसने ऐसा किया है, तब भी आप उसके साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं कर सकते। ऐसी स्थिति में आप तलाक ले सकते हैं। यदि आप साथ नहीं रह सकते तो आप क्रूरता नहीं कर सकते।