Congress Crisis Management! सियासी लड़ाई को कानूनी बनाने के फेर में उलझी Congress
IIT Bombay से आधे घंटे के भीतर जवाब मांगा
यही नहीं सुप्रीम कोर्अ ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए आईआईटी बॉम्बे से आधे घंटे के भीतर जवाब मांगा। कोर्ट इसको लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी सख्त लहजे में पेश आई। इस बीच सॉलिसिटर जनरल ने इतनी जल्दी जवाब दाखिल करने में असमर्थता दर्शाते हुए कहा कि उनको कम से कम 24 घंटे का समय दिया जाना चाहिए। तुषार मेहता के इस जवाब से कोर्ट काफी नाराज हो गई और कहा कि आप मेरे स्थान बैठकर देखिए। कोर्ट ने यह तक कहा दिया कि आप आईआईटी बॉम्बे को बचाने में जुटे हैं।बावजूद इसके सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध पर यह सुनवाई गुरुवार तक के लिए लिए टाल दी गई।
कोर्ट की अवमानना का मामला
इस मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड और आईआईटी बॉम्बे की ओर से साइट का निरीक्षण किया गया था। अब जब इस बात को छह महीने हो गए हैं तो आईआईटी बॉम्बे इससे पीछे हटने की बात कर रही है। यह तो सीधे-सीधे कोर्ट की अवमानना का मामला है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर उसने सीपीसीबी के साथ एमओयू भी साइन किया था। इसलिए अब इस मामले में लेटलतीफी के लिए आईआईटी बॉम्बे को कोर्ट के आदेश के पालन में देरी करने के लिए दण्ड भी दिया जा सकता है। कोर्ट ने पूछा कि यह बात समझ से बाहर है कि कैसे एक सरकारी प्रोजेक्ट से अपना कदम पीछे लिया जा सकता है।
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आपको बता दें कि अपनी पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली और केंद्र सरकार संयुक्त रूप से एक समग्र प्लान तैयार करें। दोनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चारों ओर स्मॉग टावर लगाने के लिए प्रोजेक्ट बनाएं। यही नहीं कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार से यह भी कहा था कि दोनों अपने मतभेद किनारे कर एयर प्यूरिफायर टावर लगाने पर काम शुरू करें