इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश सुनाया। इसके मुताबिक जम्मू एवं कश्मीर में अभी के लिए 4 जी इंटरनेट सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं।
ट्रेनें शुरू करने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने दी सलाह, जानें क्या है मामला अब जेल में हुआ कोरोना विस्फोट, सरकार की बढ़ी चिंता 4जी मोबाइल सेवा बहाली पर रोक जारी रखने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं की ओर से की गई मांगों पर गौर करने के लिए केंद्र सरकार से एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने को कहा है। खास बात यह है कि समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के सचिव करेंगे।
मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि अदालत को यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार संतुलित रहे। फिलहाल हमें लगता है कि केंद्र शासित प्रदेश में कई संकट हैं।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि इस समिति में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव और संचार सचिव भी शामिल होंगे। यह समिति 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने के याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर विचार करेगी।