मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान अचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा था कि वो 6 मई तक इसका निपटारा करें।
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से ‘चौकीदार चोर है’ के लिए बिना शर्त मांगी माफी सुष्मिता ने चुनाव आयोग पर लगाया भेदभाव का आरोप इससे पहले कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दावा किया था कि पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह के खिलाफ एमसीसी के मामले का निष्पक्ष आकलन करने में चुनाव आयोग नाकाम रहा है। देव ने एक हलफनामे में मोदी और शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर चुनाव आयोग के विभिन्न आदेशों को शीर्ष न्यायालय के सामने रखा था। इसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने कुछ शिकायतों का निपटारा करते हुए इस अदालत द्वारा निर्धारित कानून का सरासर उल्लंघन करते हुए आदेश पारित किया । उन्होंने अदालत से इस मामले में गाइडलाइन तय करने और चुनाव आयोग को कार्रवाई करने के लिए आदेश देने की गुजारिश की थी।
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EC ने दी थी मोदी और शाह को क्कीन चिट दरअसल, 3 मई को चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नांदेड में और वाराणसी में उनके भाषण के लेकर उन्हें क्लिन चीट दे दी थी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने एक अन्य शिकायतों पर सुनवाई करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल और नागपुर में दिए गए भाषणों को भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानने से इन्कार कर दिया। चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों ही नेताओं ने भाषण के कॉपी मंगवाकर पढ़ने और गहन अध्ययन के बाद यह फैसला लिया है।
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