मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने ‘श्रम एव जयते’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए असंगठित एवं निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कई योजना बनाई हैं। इन श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ई-निर्माण पोर्टल शुरू किया गया है। इस पर श्रमिक घर बैठे भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। साथ ही मोबाइल एप्लीकेशन भी जारी किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार श्रमिकों को यू-वीन कार्ड भी देगी। असंगठित श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीकरण कराने की पहल करने वाला गुजरात देश का एकमात्र राज्य है।
अब तक छह लाख श्रमिकों ने इस योजना के लिए पंजीकरण कराया है। राज्य में 21,291 कोमन सर्विस सेन्टर हैं, जहां से श्रमिकों के पंजीकरण कराने की व्यवस्था की गई है। श्रमिक आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता के ब्योरे, राशन कार्ड और आय प्रमाणपत्र जैसे साक्ष्य देकर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सभी राज्यों को स्थानांतरित श्रमिकों के लिए कम्युनिटी किचन प्रारंभ करने को कहा है। गुजरात इस दिशा में भी अग्रसर है। राज्य में श्रमिक अन्नपूर्ण योजना कार्यरत है जिसका लाभ श्रमिकों को मिल रहा है। इस योजना में श्रमिकों को दस रुपए में भोजन दिया जाता है। योजना के तहत सरकार की ओर से ऐसी जगहों पर भी अन्नूपूर्णा योजना के तहत भोजन वैन शुरू की गई हैं, जहां श्रमिक मजदूरी के लिए इकट्ठा होते हैं।