scriptअवमानना केस : सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपए जुर्माना | Supreme Court may come to this issue today important decision punishment or forgiveness is implicated | Patrika News
विविध भारत

अवमानना केस : सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपए जुर्माना

Prashant Bhushan अदालत की अवमानना मामले में माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके हैं।
Supreme Court ने प्रशांत भूषण को माफी मांगने के लिए 30 मिनट का समय दिया था।

Aug 31, 2020 / 01:34 pm

Dhirendra

Prashant Bhushan

Prashant Bhushan अदालत की अवमानना मामले में माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके हैं।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के मामले में देश चर्चित वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ( Senior Advocate Prashant Bhushan ) दोषी करार देने के बाद सोमवार को सजा भी मुकर्रर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने अवमानना मामले में सजा तय करते हुए प्रशांत भूषण पर एक रुपए का आर्थिक दंड लगाया है।
शीर्ष अदालत ने प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक उसकी रजिस्ट्री में एक रुपये की जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जुर्माना राशि जमा कराने में विफल रहने पर तीन माह की जेल हो सकती है और वकालत से तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके प्रशांत भूषण को कोर्ट ने 30 मिनट का समय दिया था और कहा था कि अपने रुख पर फिर विचार कर लें।
इसके बाद भी भूषण का विचार नहीं बदला तो कोर्ट ने यहां तक पूछा कि माफी मांगने में क्या गलत है, क्या यह बहुत बुरा शब्द है?

Coronavirus : भारत बना दुनिया का पहला देश, 24 घंटे में 80092 नए केस आए सामने
प्रशांत को हो सकती है 6 महीने कैद की सजा

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ( Justice Arun Mishra ) की अध्यक्षता वाली पीठ भूषण के खिलाफ अपना फैसला सुनाएगी। अदालत की अवमानना ( Contempt of Court ) अधिनियम के तहत सजा के तौर पर भूषण को 6 महीने तक की कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती हैं। प्रशांत भूषण के पास अपने ट्वीट को लेकर कोर्ट के सामने माफी मांगने का अवसर था लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया।
SC की हाई पावर कमेटी का बड़ा खुलासा- 4 धाम परियोजना में उड़ी नियमों की धज्जियां, काटे गए 50K पेड़

भूषण को शहीद न बनाया जाए : राजीव धवन

प्रशांत भूषण द्वारा न्यायालय की तरफ से माफी मांगने के सुझाव को खारिज किए जाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने 25 अगस्त को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कोर्ट की ओर से ‘स्टेट्समैन’ जैसा संदेश दिया जाना चाहिए और भूषण को शहीद न बनाएं। तीन न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने सजा के मुद्दे पर उस दिन अपना फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति मिश्रा दो सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायापालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था। भूषण का पक्ष रख रहे धवन ने भूषण के पूरक बयान का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि वह अपने 14 अगस्त के फैसले को वापस ले ले और कोई सजा न दे। उन्होंने अनुरोध किया कि न सिर्फ इस मामले को बंद किया जाना चाहिए, बल्कि विवाद का भी अंत किया जाना चाहिए।
NCB की जांच में बड़ा खुलासा : रिया का ड्रग्स पैडलर्स करता था डार्कनेट का इस्तेमाल

भूषण को माफ कर दे सुप्रीम कोर्ट : वेणुगोपाल

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भूषण को इस संदेश के साथ माफ कर दे कि उन्हें भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराना चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत के दो ट्विट में न्यायाधीशों को लेकर की गई टिप्पणी के लिए 14 अगस्त को उन्हें दोषी ठहराया था। प्रशांत भूषण ने 22 जून को शीर्ष अदालत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे तथा चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर तो दूसरी टिप्पणी 27 जून को न्यायपालिका के छह वर्ष के कामकाज को लेकर की थी।

Hindi News / Miscellenous India / अवमानना केस : सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपए जुर्माना

ट्रेंडिंग वीडियो