scriptWeather Forecast: चक्रवाती तूफान अंफन से ट्रेनों पर भी मंडराया खतरा, लोहे की मोटी जंजीरों से बांधा | Super Cyclonic Amphan may danger for Trains tied with iron chain in howrah | Patrika News
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Weather Forecast: चक्रवाती तूफान अंफन से ट्रेनों पर भी मंडराया खतरा, लोहे की मोटी जंजीरों से बांधा

Weather Forecast- Cyclonic Storm Amphan का Train पर भी बढ़ा खतरा
Howrah में ट्रैक पर खड़ी ट्रेनों को लोहे की जंजीरों से बांधा
180 से 155 किमीप्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा तूफान अंफन

May 20, 2020 / 12:42 pm

धीरज शर्मा

Super Cylone Amphan

चक्रवाती तूफान अंफन से बढ़ा ट्रेनों को खतरा

नई दिल्ली। सदी के सबसे बड़े तूफान अंफन ( Cyclone Amphan ) बुधवार को ओडिशा ( Odisha ) और प. बंगाल ( West Bengal ) के इलाकों में दस्तक दे रहा है। दो बजे ओडिशा के तटीय इलाकों से होता हुआ ये चक्रवाती तूफान ( Super Cyclone ) बंगाल के इलाकों में प्रवेश करेगा। बताया जा रहा है इस दौरान तूफान की गति 200 किमीप्रति घंटा हो सकती है। इस तूफान के साथ देश के कई इलाकों में मौसम के मिजाज ( weather update ) में बदलाव देखा जा सकता है।
इस बीच चक्रवाती तूफान को लेकर एक और बड़ा खतरा सामने आया है। ये खतरा है रेलवे ( Railway ) का। जी हां सबसे बड़ा तूफान की चपेट में ट्रेनों के भी आने की आशंका बढ़ गई है।
यही वजह है कि इन ट्रेनों ( Train ) को ट्रैक पर ही लोहे की मोटी-मोटी जंजीरों ( Iron Chain ) से बांधा गया है। ताकि किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सके।
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https://twitter.com/hashtag/SuperCycloneAmphan?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
आपको बात दें कि चक्रवाती तूफान अम्फन इस सदी का सबसे बड़ा तूफान बताया जा रहा है। इसी वजह से इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्य अलर्ट पर हैं।
185 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फिलहाल ये तूफान आगे बढ़ रहा है, लेकिन आगे चलकर इसकी गति 200 किमीप्रतिघंटा होने की उम्मीद है।

तूफान से सबसे बड़ा खतरा रेल सेवाओं को बताया जा रहा है। यही वजह है कि हावड़ा में रेल कोचों को चेन से बांधा गया है जिससे तूफानी हवाओं से रेल कोचों को नुकसान ना पहुंचे।
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रेलवे की ओर से हावड़ा के शालीमार साइडिंग में खड़ी रेल के कोच को चेन और ताले से बांधने का इंतजाम किया गया है। कोरोना लॉकडाउन के बीच चलाई जा रहीं स्पेशल श्रमिक ट्रेनों को भी चक्रवाती तूफान की वजह से रद्द कर दिया गया है।
इतना ही नहीं जो ट्रेनें रेलवे पटली पर खड़ी हैं, उन्हें भी लोहे की जंजीरों से बांधा जा रहा है ताकि किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सके।

बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान में तेज हवा की वजह से ट्रेनें कहीं पटरी पर बिना इंजन के सरपट न दौड़ जाएं। अगर इंजन के बगैर एक बार दौड़ गई तो दुर्घटना घट सकती है फिर इसे काबू में करना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि तूफानों के रिकॉर्ड 1890 से जमा किए जा रहे हैं। 130 वर्षों में केवल चार वर्ष (1893, 1926, 1930, 1976) में 10 बार चक्रवाती तूफान आए। सबसे ज्यादा 66 तूफान 70 के दशक में आए। 1967 के बाद सबसे ज्यादा 9 तूफान पिछले साल आए थे। आपको बता दें कि तूफान फानी पिछले वर्ष इसी महीने में सामने आया था। लेकिन तूफान अंफन को अब तक का सबसे बड़ा तूफान बताया जा रहा है।

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उधर मौसम विभाग के अधिकारियों की मानें तो तूफान अंफन का ओडिशा में बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। ये ओडिशा के तटों को छूता हुआ पश्चिम बंगाल की तरफ निकल जाएगा। हालांकि ओडिशा में पिछले कुछ घंटों से जोरदार हवाओं के बीच बारिश का दौर जारी है।

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