उनका कहना है कि न्यूटन फिल्म की कहानी की तरह उनकी भी मलकानगिरि में जिलाधिकारी के पद पर तैनाती की कहानी है। नक्सलियों के बीच चुनाव कराना कोई हंसी का खेल की बात नहीं है। फेसबुक में पोस्ट की गई उनकी फोटो के ठीक बगल में न्यूटन के हीरो की फोट लगी है।
जावले का कहना है कि 2009 के चुनाव में वह मलकानगिरि के जिलाधिकारी थे। माओवादियों से प्रभावित इस जिले में चुनाव कराना उनकी जिम्मेदारी थी। उनका कहना है कि
राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन फिल्म की स्टोरी से काफी कुछ वहां चुनाव कराने की स्टोरी मिलती-जुलती है। व्यावहारिक दिक्कतें उन्होंने अनुभव की।
उनका कहना है कि इस थीम पर शायद न्यूटन पहली फिल्म होगी। उनका कहना है कि उन्हें खुशी है कि पहली बार प्रशासन की दिक्कतों को लेकर कोई फिल्म बनायी गयी है। मालूम हो कि न्यूटन को ऑस्कर अवार्ड के लिए अनुमोदित किया गया है। यह फिल्म दुर्गम नक्सली इलाके में मतदान पर बनी है।
हालांकि यह फिल्म 2001 में इरान में बनी फिल्म सीक्रेट बैलेट की स्टोरी पर आधारित बतायी जाती है जो कि इसकी ऑस्कर की दावेदारी को प्रभावित कर सकता है। इस फिल्म का नायक पोलिंग एजेंट होता है।