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तेलंगाना और राजस्थान म्यूकोर्मिकोसिस को महामारी घोषित
मंत्रालय ने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण के कारण होने वाली जटिलता है। लोग वातावरण में कवक बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस पकड़ लेते हैं। एक कट, खरोंच, जलन, या अन्य प्रकार के त्वचा आघात के माध्यम से त्वचा में प्रवेश करने के बाद त्वचा पर म्यूकोर्मिकोसिस भी विकसित हो सकता है। मंत्रालय के मुताबिक, इस बीमारी का पता उन मरीजों में लगाया जा रहा है जो कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं या ठीक हो चुके हैं। तेलंगाना और राजस्थान पहले ही म्यूकोर्मिकोसिस को महामारी घोषित कर चुके हैं।
कोविड-19 से उबरने वाले लोगों को प्रभावित कर रहा म्यूकोर्मिकोसिस
कर्नाटक, उत्तराखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। म्यूकोर्मिकोसिस, जो मुख्य रूप से कोविड-19 से उबरने वाले लोगों को प्रभावित कर रहा है, ने राष्ट्रीय राजधानी में भी कई लोगों को संक्रमित किया है, क्योंकि यह कोरोनो वायरस के उपचार में स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल के कारण होता है। हरियाणा सरकार ने 18 मई को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ नामक नियम भी बनाए।
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वहीं, तेलंगाना सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत फंगल संक्रमण म्यूकोर्मिकोसिस को एक खतरनाक बीमारी घोषित किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाएं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा जारी म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए म्यूकोर्मिकोसिस (जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है) के सभी संदिग्ध और पुष्ट मामलों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य कर दिया गया है।