नियमानुासर सीआरपीसी-311 के तहत गवाहों को गवाही के लिए समन जारी कर बुलाया जाता है। समझौता ब्लास्ट मामले में सुनवाई के लिए इन गवाहों को बुलाया जाएगा या नहीं, इसका फैसला भी आज ही होगा।
इस केस में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी हैं। इस मामले में कुल आठ आरोपी थे लेकिन उनमे से एक की मौत हो गई और तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। असीमानंद 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वह 2007 के अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में दोषमुक्त करार दिए गए थे। गुजरात निवासी और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख असीमानंद पूर्व में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े थे।
करीब 70 साल के असीमानंद हरियाणा के पानीपत के निकट समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट के मामले में वर्तमान में जमानत पर हैं। नई दिल्ली व पाकिस्तान के लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी, 2007 को हुए विस्फोट में 68 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में मारे गए लोगों में अधिकांश पाकिस्तानी थे।