सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार शाम 7 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगा जो कि मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस ग्रहण की अवधि करीब पांच घंटे होगा।
इस साल का आखिरी ग्रहण सोमवार शाम में लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा। वहीं सूतक काल भी नहीं माना जाएगा।
वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी भाग, दक्षिण अमरीका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका क्षेत्र में प्रभावी रहेगा। 4. ग्रहण के दौरान ये काम ना करें
ग्रहण के दौरान सूई, कील, तलवार और चाकू जैसी नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। ग्रहण के समय खाना खाना, बनाना, सब्जी काटना, आसमान के नीचे खड़े होना और दीपक जलाकर पूजा आदि नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं या किसी बीमार व्यक्ति को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसे में घर से बाहर निकलकर नग्न आंखों से सूर्य देखने से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही ग्रहण काल के दौरान छोंक, तड़का लगाने या किसी धारदार और नुकीली वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
जिस वक्त सूर्य ग्रहण लगेगा उस वक्त वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे। इसे पंचग्रही योग कहा जा रहा है। ज्योतिष गणना के मुताबिक सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे। ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है।
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती, इस घटना को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है. जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रुप से ढक लेता है तो इस घटना को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
चीन में सूर्य ग्रहण को लेकर ऐसा माना जाता है कि एक विशाल ड्रेगन जब सूर्य को निगल लेता है तो ग्रहण लगता है। वहीं जब चाइनीज देवता झांग जियान जो कि जन्म देने वाले देवता के रूप में यहां विख्यात हैं, जब वह ड्रेगन के ऊपर तीर चलाते हैं तो वह सूर्य को छोड़ता है। इसके बाद ग्रहण खत्म होता है।
सूर्य ग्रहण को देखने की चाह रखने वाले लोग टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आप www.virtualtelescope.eu पर भी वर्चुअल टेलिस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं. वहीं यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी सूर्य ग्रहण देखने का अच्छा विकल्प है।
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें। ग्रहण के अगले दिन सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें। इसके तहत आप तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं।