पटना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह आदेश दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया। राज्य सरकार को जवाब देने के 20 अगस्त तक की मोहलत दी गई है।
बेंगलूरु हिंसा में भी आया पीएफआई का नाम सामने, जानिए कैसे जुड़े हैं दिल्ली दंगे से इसके कनेक्शन? हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार से कोरोना संकट से निबटने, कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा है। इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जिला स्तरीय कोरोना अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकलकर्मियों का विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया था।
इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट को बताया गया था कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है। हाइ्रकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार से अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर व अन्य कोरोना इलाज की सुविधा का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है।
इस मामले में याची की अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 9 आरटी-पीसीआर ( RT-PCR ) होने की बात कही थी। राज्य सरकार ने बताई है जिससे कोरोना की सही जांच होती है लेकिन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इससे जांच कैसे संभव होगा। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
EIA-2020 Draft : सोनिया गांधी ने PM पर साधा निशाना, कहा – पर्यावरण पर Modi का रिकॉर्ड सबसे खराब बता दें कि बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या 90 हजार के पार जा चुकी है। हर रोज औसतन 3000 नए केस सामने आ रहे हैं। इस बीमारी से राज्य में अभी तक 465 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में कोरोना का सबसे अधिक कहर पटना पर बरपा है।