वहीं, दिल्ली सरकार ने इस मामले में सफाई दी है। सरकार ने इसको प्रशासनिक स्तर पर हुई गलती बताया है।
इसके साथ ही इस मामले में दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
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सिक्किम दर्ज कराया विरोध
वहीं, सिक्किम ने शनिवार को दिल्ली सरकार की ओर से अखबारों में दिए विज्ञापन पर जोरदार विरोध दर्ज कराया।
दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में, सिक्किम के मुख्य सचिव एससी गुप्ता ने कहा कि “अपमानजनक” विज्ञापन को तुरंत हटा लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह लोगों को बेहद आहत करने वाला है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि बता दें कि सिविल डिफेंस कोर में स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती होने के लिए शनिवार को अखबारों में जारी विज्ञापन में केजरीवाल सरकार ने पात्रता की चार शर्ते तय कीं थीं।
जिसमें पहली शर्त में कहा गया कि वह भारत का नागरिक हो या भूटान, नेपाल या सिक्किम की प्रजा हो तथा दिल्ली का निवासी हो।
भाजपा का कहना है कि सिक्किम की प्रजा का उल्लेख करने से लगता है कि दिल्ली सरकार भारत के इस अभिन्न अंग को अलग देश मान रही है।
जिस पर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है।
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भाजपा ने साधा निशाना
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि दिल्ली सरकार ने सिक्किम को अलग देश के रूप में क्यों दिखाया।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि आज जैसे ही सुबह अखबार उठाया।
दिल्ली सरकार के एक विज्ञापन पर नजर पड़ी, जिसमें सिक्किम को एक अलग देश दिखा रहे हैं। एक प्रदेश की सरकार ऐसा कैसे कर सकती है।
क्या वो इतनी अनाड़ी हो सकती है कि वो एक राज्य को स्वतंत्र देश दिखा दे। इतना बड़ा ऐड जाने से पहले क्या इसे चूक माना जा सकता है। तो समझिए कितनी बड़ी-बड़ी चूक हो रही है।